लोकसभा चुनावों के 75 साल के इतिहास में, 2024 के आम चुनावों के दौरान, निर्वाचन आयोग देश में अब तक की सबसे अधिक प्रलोभन संबंधी सामग्री जब्त करने की ओर अग्रसर
मतदान शुरू होने से पहले ही 4650 करोड़ रुपये जब्त किए गए: 2019 के चुनावों की कुल जब्ती से अधिक
आयोग का कहना है कि कार्रवाई सख्ती से और बिना रुके जारी रहेगी
लोकसभा चुनावों के 75 साल के इतिहास में, 2024 के आम चुनावों
के दौरान, निर्वाचन आयोग देश में अब तक की सबसे अधिक प्रलोभन
संबंधी सामग्री जब्त करने की ओर अग्रसर है। 18वीं लोकसभा के
लिए शुक्रवार को पहले चरण का मतदान शुरू होने से पहले धनबल के खिलाफ निर्वाचन आयोग
के संघर्ष की दृढ़ता के साथ प्रवर्तन एजेंसियों ने 4650
करोड़ से अधिक रुपये की रिकॉर्ड जब्ती की। यह 2019 में पूरे
लोकसभा चुनाव के दौरान जब्त किए गए 3475 करोड़ रुपये से अधिक
की वृद्धि है। गौरतलब है कि 45 प्रतिशत जब्ती ड्रग्स और
नशीले पदार्थों की है, जिन पर आयोग का विशेष ध्यान है। यह
जब्ती व्यापक योजना बनाने, सहयोग बढ़ाने और एजेंसियों की
सम्मिलित निवारण कार्रवाई, सक्रिय नागरिक भागीदारी और
प्रौद्योगिकी के बेहतर उपयोग से संभव हुई है।
अधिक राजनीतिक वित्तपोषण के अलावा काले धन का उपयोग और उसका सटीक खुलासा, विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्रों में अधिक साधन
संपन्न पार्टी या उम्मीदवार के पक्ष में समान अवसर को बिगाड़ सकता है। यह बरामदगी
लोकसभा चुनाव को प्रलोभन और चुनावी कदाचार से मुक्त कराने और समान अवसर सुनिश्चित
करने के ईसीआई के संकल्प का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सीईसी राजीव कुमार ने पिछले
महीने चुनावों की घोषणा करते हुए धन शक्ति को जोर देकर '4एम'
चुनौतियों में से एक बताया था। 12 अप्रैल को,
सीईसी राजीव कुमार के नेतृत्व में आयोग ने ईसी ज्ञानेश कुमार और सुखबीर
सिंह संधू के साथ 19 अप्रैल को होने वाले पहले चरण के मतदान
में तैनात सभी केंद्रीय पर्यवेक्षकों की समीक्षा की। विचार-विमर्श मुख्य रूप से
प्रलोभन-मुक्त चुनावी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए सख्ती, निगरानी और जांच पर केन्द्रित था।
बढ़ी हुई
बरामदगी विशेष रूप से छोटे और कम संसाधन वाले दलों के पक्ष में 'समान अवसर' के लिए
प्रलोभनों की निगरानी करने और चुनावी कदाचार पर अंकुश लगाने के लिए ईसीआई की दृढ़
प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
तमिलनाडु के
नीलगिरी में एक घटना में, आयोग ने
कर्तव्य में ढिलाई और एक प्रमुख नेता के काफिले की चुनिंदा तरीके से जांच करने के
लिए फ्लाइंग स्क्वाड टीम के लीडर को निलंबित कर दिया। इसी तरह, अधिकारियों ने एक राज्य के मुख्यमंत्री के काफिले में वाहनों की जांच की और
दूसरे राज्य में एक उपमुख्यमंत्री के वाहन की भी जांच की। आयोग ने लगभग 106
सरकारी सेवकों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की है जो चुनाव प्रचार में
राजनेताओं की सहायता करते हुए आचार संहिता और निर्देशों का उल्लंघन करते हुए पाए
गए।
संसदीय
चुनावों की घोषणा के दौरान प्रेस वार्ता में, सीईसी राजीव कुमार ने अपनी प्रस्तुति में आयकर, हवाई अड्डे के अधिकारियों और संबंधित जिलों के एसपी द्वारा निर्धारित समय
के बिना विमानों व हेलीकॉप्टरों के उड़ान भरने की निगरानी और निरीक्षण करने,
अंतर्राष्ट्रीय जांच चौकियों और जीएसटी अधिकारियों पर बॉर्डर
एजेंसियों के कड़ी नजर रखने, गोदामों, विशेष
रूप से मुफ्त उपहारों के भंडारण के लिए बनाए गए अस्थायी गोदामों की बारीकी से
निगरानी करने के लिए बीसीएएस निर्देशों के सख्त अनुपालन पर जोर दिया। समीक्षा के
दौरान आयोग ने हमेशा इस बात पर जोर दिया था कि परिवहन के सभी साधनों पर बहु-आयामी
निगरानी होगी- सड़क परिवहन के लिए चेक पोस्ट और नाका, तटीय
मार्गों के लिए तट रक्षक और डीएम व एसपी के साथ-साथ हवाई मार्गों के लिए एजेंसियों
के साथ-साथ निर्धारित समय सारणी के अनुसार उड़ान भरने वाले हेलीकॉप्टरों और
विमानों की भी जांच होगी।
13 अप्रैल 2024 तक राज्य/केन्द्र
शासित प्रदेश-वार और श्रेणीवार जब्ती का विवरण अनुलग्नक ए में दिया गया है।
यह कैसे संभव हुआ?
1. चुनाव जब्ती प्रबंधन प्रणाली (ईएसएमएस)- बाधाओं को
दूर करने और प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से सभी प्रवर्तन एजेंसियों को एक मंच
पर लाने से मौजूदा स्थिति में बड़ा बदलाव हुआ है। निगरानी प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी की शुरुआत के साथ, ईएसएमएस, एक ईसीआई
इन-हाउस विकसित पोर्टल एक उत्प्रेरक साबित हो रहा है। अवरोधन और बरामदगी की
वास्तविक समय रिपोर्टिंग के लिए नवीन नवाचार, बरामदगी के
दोहराव से बचने का परीक्षण विधानसभा चुनावों के आखिरी दौर में किया गया था।
पोर्टल सभी नियंत्रण स्तरों पर त्वरित और समय पर समीक्षा के
लिए माउस क्लिक करने पर डिजिटल मार्ग और जब्ती जानकारी की उपलब्धता की सुविधा
प्रदान करता है। आंकड़ों के अनुसार, विभिन्न एजेंसियों के 6398 जिला नोडल
अधिकारी, 734 राज्य नोडल अधिकारी, 59000 फ्लाइंग स्क्वाड (एफएस) और स्टेटिक्स सर्विलांस टीम (एसएसटी) को विस्तृत
वास्तविक समय की निगरानी और अपडेट के लिए ईएसएमएस प्लेटफॉर्म पर शामिल किया गया
है। सभी नोडल अधिकारियों को ईएसएमएस के उपयोग के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षित
किया गया है। इस प्रणाली ने 2023 के दौरान विधानसभा चुनावों
के दौरान मजबूती से जड़ें जमा लीं, जब पिछले चुनावों में 239.35
करोड़ रुपये के मुकाबले 2014.26 करोड़ रुपये
जब्त किए गए थे। विधानसभा चुनावों के अंतिम दौर में सफल कार्यान्वयन और क्षेत्र से
फीडबैक के साथ, मौजूदा चुनावों में कार्यान्वयन से पहले इसकी
समीक्षा की गई और इसे मजबूत बनाया गया है।
2. सावधानीपूर्वक और विस्तृत योजना, सबसे अधिक संख्या में प्रवर्तन एजेंसियों की भागीदारी: एजेंसियों के बीच सहयोगात्मक प्रयास के
लिए केंद्र और राज्यों दोनों से सबसे बड़ी संख्या में प्रवर्तन एजेंसियों को
इकट्ठा किया गया है।
क्रम संख्या |
समूह |
एजेंसियां |
1 |
नकदी और कीमती धातुएं |
आयकर, राज्य पुलिस, आरबीआई, एसएलबीसी,
एएआई, बीसीएएस, राज्य
नागर विमानन, प्रवर्तन निदेशालय, डाक
विभाग, सीआईएसएफ |
2 |
शराब |
राज्य पुलिस, राज्य उत्पाद शुल्क, आरपीएफ |
3 |
नारकोटिक्स |
राज्य पुलिस, एनसीबी, आईसीजी, डीआरआई |
4 |
मुफ़्त उपहार |
सीजीएसटी, एसजीएसटी, राज्य परिवहन विभाग, सीमा शुल्क, राज्य पुलिस |
5 |
सीमा और अन्य एजेंसियां |
असम राइफल्स, बीएसएफ, एसएसबी, आईटीबीपी,
सीआरपीएफ, वन विभाग, राज्य
पुलिस |
3. चुनावों से कुछ महीने पहले और जनवरी 2024 से और अधिक गहनता से, चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों ने चुनावों में धन के प्रभाव से निपटने
के महत्व पर जोर देने के लिए प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश का दौरा किया।
इसके अलावा, जिलों की गहन समीक्षा की गई, और उनके प्रदर्शन का आकलन करने व चुनावों के दौरान वित्तीय संसाधनों के
दुरुपयोग के खिलाफ बढ़ी हुई सतर्कता को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्य सचिवों,
पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) और प्रवर्तन एजेंसियों के प्रमुखों के
साथ चर्चा की गई। फ़ील्ड-स्तरीय कर्मचारी भी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ),
पर्यवेक्षकों और जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) द्वारा चल रही
समीक्षा के अधीन हैं। अक्सर, एक एजेंसी द्वारा की गई खोजें
दूसरों के कार्यों को 'सूचित और निर्देशित' करती हैं, जिससे सम्मिलित और व्यापक निवारक प्रभाव
पैदा होता है। आयोग ने राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के चुनावी दौरों के दौरान
विभिन्न माध्यमों-सड़क, रेल, समुद्र और
हवाई-के माध्यम से प्रलोभनों का निरीक्षण करने में संबंधित एजेंसियों की संयुक्त
टीमों के महत्व पर भी जोर दिया है। परिणामस्वरूप, जनवरी और फरवरी में, आधिकारिक घोषणा से पहले के महीनों में, देश भर में नकदी, शराब, ड्रग्स, कीमती धातुओं और
मुफ्त उपहारों के रूप में कुल 7502 करोड़ रुपये की
जब्ती दर्ज की गई। इससे अब तक कुल 12000 करोड़ रुपये से
अधिक की जब्ती हो गई है, जबकि चुनाव की अवधि में अभी भी छह सप्ताह बाकी हैं।
4. समाज में नशीले पदार्थों के खतरे पर अधिक ध्यान: विशेष रूप से, नशीले
पदार्थों की बरामदगी पर काफी ध्यान दिया गया, जो जनवरी और
फरवरी 2024 में कुल बरामदगी का लगभग 75 प्रतिशत था। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने नोडल एजेंसियों के दौरे के दौरान
ड्रग्स और नशीले पदार्थों को जब्त करने के एजेंसियों के प्रयास पर जोर दिया था।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि चुनावों को प्रभावित करने के लिए डर्टी मनी के
इस्तेमाल के जोखिम के अलावा, ड्रग्स एक गंभीर सामाजिक खतरा पैदा करते हैं, जो
समुदायों, विशेषकर युवाओं को नुकसान पहुंचाती हैं। आयोग ने
मादक पदार्थों की तस्करी के लिए प्रमुख मार्गों और गलियारों की पहचान करने एवं
प्रभावी जवाबी उपाय सुनिश्चित करने के लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के
महानिदेशालय और उसके वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी सहयोग किया है। पिछले कुछ वर्षों
में, राज्य विधानसभाओं के चुनावों के दौरान, जिसमें गुजरात, पंजाब, मणिपुर,
नागालैंड, त्रिपुरा और मिजोरम जैसे राज्यों
में आदर्श आचार संहिता लागू होने के दौरान भी महत्वपूर्ण जब्ती शामिल है।
अरुणाचल
प्रदेश में स्टेटिक निगरानी टीम द्वारा वाहनों की जांच
कर्नाटक के कलबुर्गी जिले में शराब की जब्ती
5. व्यय की दृष्टि से संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों की
पहचान: अधिक
केंद्रित निगरानी के लिए 123 संसदीय
निर्वाचन क्षेत्रों को व्यय की दृष्टि से संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों के रूप में
चिह्नित किया गया है। इन निर्वाचन क्षेत्रों में या तो पिछले चुनावों में प्रलोभन
के रूप में उपहारों के वितरण का इतिहास रहा है या अंतर-राज्य और अंतर्राष्ट्रीय
सीमाओं के रास्ते ड्रग्स, नकदी और शराब का संभावित प्रवाह
रहा है।
6. व्यय पर्यवेक्षकों की तैनाती: व्यय पर्यवेक्षकों के रूप में नियुक्त
वरिष्ठ अधिकारी निष्पक्ष और प्रलोभन मुक्त चुनाव के लिए आयोग की आंख व कान के रूप
में काम करते हैं। कुल 656 व्यय पर्यवेक्षकों को संसदीय
निर्वाचन क्षेत्रों को सौंपा गया है, जबकि 125 को अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, आंध्र
प्रदेश और सिक्किम के विधानसभा क्षेत्रों में तैनात किया गया है। डोमेन विशेषज्ञता
के शानदार ट्रैक रिकॉर्ड और चुनाव प्रक्रियाओं के अनुभव वाले विशेष व्यय
पर्यवेक्षकों को भी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में तैनात किया गया है।
7. सीविजिल का उपयोग: आयोग के सीविजिल ऐप ने किसी भी प्रकार के प्रलोभन के वितरण पर
नागरिकों से सीधे शिकायतों के माध्यम से व्यय निगरानी प्रक्रिया को भी मजबूत किया
है। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद से नकदी, शराब और मुफ्त
वस्तुओं के वितरण से संबंधित कुल 3262 शिकायतें प्राप्त हुई
हैं।
8. नागरिकों को किसी तरह की परेशानी नहीं: वर्तमान चुनावों की शुरुआत में,
मीडिया में ऐसी खबरें थीं कि पर्यटकों को जमीनी स्तर की टीमों
द्वारा अनावश्यक जांच और परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है। इस मामले को गंभीरता से
लेते हुए, आयोग ने तुरंत सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों
(सीईओ) को पर्यटकों और नागरिकों का निरीक्षण करते समय सावधान और विनम्र दृष्टिकोण
रखने की आवश्यकता के बारे में एक परामर्श जारी किया। इसके अतिरिक्त, आयोग ने गठित 'जिला शिकायत समितियों (डीजीसी)'
को जब्ती से संबंधित शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए निर्दिष्ट
स्थानों पर दैनिक सुनवाई करने का निर्देश दिया। सीईओ और डीईओ को इन समितियों के
प्रभावी कामकाज को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
ये उपाय एक व्यापक व्यय निगरानी प्रक्रिया की आधारशिला के
रूप में काम करते हैं, जिसके
परिणामस्वरूप जनता को कम से कम असुविधा के साथ बरामदगी में वृद्धि होती है। आने
वाले दिनों में अभियान तेज होने के साथ, आयोग अपनी
प्रतिबद्धता के अनुरूप प्रलोभन मुक्त चुनावी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए अपनी
सतर्कता बढ़ाने के लिए तैयार है।
अनुलग्नक ए- 13 अप्रैल 2024 तक राज्य/केन्द्र शासित प्रदेशवार बरामदगी विवरण
चुनाव जब्ती प्रबंधन प्रणाली |
|||||||||
प्रकाशन की तारीख: 13.04.2024
09:53 शाम फ़िल्टर दिनांक: 01-03-2024 से 13-04-2024 तक |
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क्र.सं. |
राज्य |
नकद (करोड़ रुपये) |
शराब की मात्रा (लीटर) |
शराब का मूल्य (करोड़ रुपये) |
नशीले पदार्थ का मूल्य (करोड़ रु.) |
कीमती धातु मूल्य (करोड़ रु.) |
मुफ्त उपहार/अन्य वस्तुएं मूल्य (रु. करोड़ रु.) |
कुल (करोड़ रु.) |
|
1 |
अंडमान और निकोबार द्वीप |
0.2283950 |
3129.11 |
0.0744660 |
2.0127000 |
0.0000000 |
0.0000000 |
2.3155610 |
|
2 |
आंध्र प्रदेश |
32.1549530 |
1022756.48 |
19.7198350 |
4.0635400 |
57.1427590 |
12.8933650 |
125.9744520 |
|
3 |
अरूणाचल प्रदेश |
6.4626890 |
157056.59 |
2.8799110 |
0.8182360 |
2.6378890 |
0.7295980 |
13.5283230 |
|
4 |
असम |
3.1780990 |
1594842.47 |
19.2702290 |
48.7692370 |
44.2246890 |
25.6795360 |
141.1217900 |
|
5 |
बिहार |
6.7770240 |
845758.18 |
31.5729460 |
37.5943630 |
19.7613200 |
60.0628720 |
155.7685250 |
|
6 |
चंडीगढ़ |
0.9690950 |
29027.47 |
0.9157730 |
2.0751550 |
0.5269720 |
0.0000000 |
4.4869950 |
|
7 |
छत्तीसगढ़ |
11.9818310 |
55690.73 |
1.3978870 |
17.1809360 |
2.5824360 |
26.3291050 |
59.4721950 |
|
8 |
दमन दीव, दादरा-नगर हवेली |
0.3949850 |
8351.26 |
0.2149490 |
0.0000000 |
0.0000000 |
0.0000000 |
0.6099340 |
|
9 |
गोवा |
15.6452760 |
101446.04 |
2.3307540 |
3.2368700 |
3.7885940 |
1.1857350 |
26.1872290 |
|
10 |
गुजरात |
6.5565420 |
760062.82 |
21.9468710 |
485.9946220 |
36.4879620 |
54.3495200 |
605.3355170 |
|
11 |
हरियाणा |
3.8467740 |
191840.41 |
5.6527380 |
5.4925780 |
1.7325760 |
1.1865960 |
17.9112620 |
|
12 |
हिमाचल प्रदेश |
0.2235760 |
355123.80 |
5.2488070 |
2.2543480 |
0.0335000 |
0.1547150 |
7.9149460 |
|
13 |
जम्मू और कश्मीर |
1.2466890 |
23964.59 |
0.6300640 |
2.3529220 |
0.0025800 |
0.0559150 |
4.2881700 |
|
14 |
झारखंड |
4.2282350 |
158054.60 |
3.4131010 |
35.1123330 |
0.3980360 |
8.6841250 |
51.8358300 |
|
15 |
कर्नाटक |
35.5380070 |
13052708.14 |
124.3380670 |
18.7566280 |
41.9368860 |
60.8632560 |
281.4328440 |
|
16 |
केरल |
10.9301610 |
49212.31 |
2.0053870 |
14.2861250 |
21.0896510 |
5.0468590 |
53.3581830 |
|
17 |
लद्दाख |
0.0000000 |
18.83 |
0.0011580 |
0.0000000 |
0.0000000 |
0.0000000 |
0.0011580 |
|
18 |
लक्षद्वीप |
0.0000000 |
35.55 |
0.0181200 |
0.0556000 |
0.0000000 |
0.0000000 |
0.0737200 |
|
19 |
मध्य प्रदेश |
13.3794000 |
1633114.94 |
25.7788940 |
25.8906670 |
8.7413820 |
38.4886970 |
112.2790400 |
|
20 |
महाराष्ट्र |
40.0560580 |
3556027.76 |
28.4656210 |
213.5643290 |
69.3837180 |
79.8780460 |
431.3477720 |
|
21 |
मणिपुर |
0.0003530 |
36489.36 |
0.4067430 |
31.1167990 |
3.8523740 |
8.9337170 |
44.3099860 |
|
22 |
मेघालय |
0.5048930 |
42655.42 |
0.6695960 |
26.8558810 |
0.0000000 |
7.3595450 |
35.3899150 |
|
23 |
मिजोरम |
0.1119530 |
105488.00 |
3.7789580 |
37.1563530 |
0.0000000 |
5.8545950 |
46.9018590 |
|
24 |
नागालैंड |
0.0000000 |
26537.76 |
0.2617410 |
2.9973300 |
0.0000000 |
4.9314800 |
8.1905510 |
|
25 |
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली |
11.2862670 |
67046.55 |
1.4250850 |
189.9424280 |
32.2370250 |
1.1788900 |
236.0696950 |
|
26 |
ओडिशा |
1.4750630 |
1324111.29 |
16.2141150 |
39.0155790 |
6.4600000 |
43.9682390 |
107.1329960 |
|
27 |
पुदुचेरी |
0.0000000 |
818.56 |
0.0173900 |
0.0000000 |
0.0000000 |
0.0000000 |
0.0173900 |
|
28 |
पंजाब |
5.1334400 |
2206988.94 |
14.4041880 |
280.8158050 |
10.5262050 |
0.9652680 |
311.8449060 |
|
29 |
राजस्थान |
35.8561600 |
3798601.52 |
40.7857900 |
119.3799370 |
49.2176960 |
533.2869270 |
778.5265100 |
|
30 |
सिक्किम |
0.3015000 |
6145.30 |
0.1195790 |
0.0141580 |
0.0000000 |
0.0015000 |
0.4367370 |
|
31 |
तमिलनाडु |
53.5886800 |
590297.33 |
4.4342350 |
293.0253640 |
78.7575380 |
31.0436110 |
460.8494280 |
|
32 |
तेलंगाना |
49.1818260 |
685838.52 |
19.2125880 |
22.7139650 |
12.3893650 |
18.3519690 |
121.8497130 |
|
33 |
त्रिपुरा |
0.4830040 |
136617.51 |
2.1921530 |
16.8726420 |
0.6326870 |
3.3093150 |
23.4898010 |
|
34 |
उत्तर प्रदेश |
24.3163150 |
1059181.84 |
35.3357200 |
53.9802710 |
20.6561230 |
11.4803120 |
145.7687410 |
|
35 |
उत्तराखंड |
6.1560290 |
67488.22 |
3.0093810 |
9.8666220 |
3.2938600 |
0.2153580 |
22.5412500 |
|
36 |
पश्चिम बंगाल |
13.2002790 |
2077396.55 |
51.1733990 |
25.5883020 |
33.6120330 |
96.0305140 |
219.6045270 |
|
TOTAL (Rs. Crore) |
|
395.3935510 |
35829924.75 |
489.3162390 |
2068.8526250 |
562.1058560 |
1142.4991800 |
4658.1674510 |
|
कुल योग (सीआर): 4658.1674510 |
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कार्यालय भारत सरकार के प्रेस रिलीज़ के अनुसार प्रकाशित की गई है।
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