SIP में कैसे अपना इन्वेस्टमेंट स्टार्ट करें, कौन सी Sip आपके लिए सबसे बेहतर विकल्प सावित हो सकती है
(Amrita Bhardwaj - Financial advisor and social media Influencer)
SIP, जिसका पूरा नाम है सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plan), म्यूचुअल फंड में निवेश करने का एक तरीका है।
जहां एक निवेशक किसी म्यूचुअल फंड योजना का चयन करता है और इसमें तय समय पर निवेश करता है। एक एसआईपी (SIP) निवेश योजना एक बार में बड़ी राशि का निवेश करने के बजाय समय-समय पर एक छोटी राशि का निवेश करके काम करती है उदाहरण के लिए, एक बार में ₹6000 निवेश करने के बजाय, आप एक साल की अवधि में हर महीने ₹500 निवेश करते हैं जिसके परिणामस्वरूप उच्च रिटर्न प्राप्त हो सकता है।
जिन्हें Share Market के विषय में अधिक जानकारी नहीं है उनके लिए SIP के द्वारा निवेश करना ही बेहतर तरीका है जिससे निवेशक का जोखिम कम हो जाता है. SIP निवेश एवं बचत की ऐसी पद्धति है जिसके अंतर्गत कोई भी निवेशक एक निश्चित अंतराल में एक निश्चित राशि अपने निर्धारित शेयर अथवा म्यूचुअल फण्ड में निवेश करता रहता है. Gold यानि सोने जैसी कमोडिटी में भी SIP द्वारा निवेश किया जाता है. SIP द्वारा निवेश करने से अनुशासित तरीके से निवेश करना आसान हो जाता है तथा निवेश का जोखिम भी कम हो जाता है. पढ़िए किस प्रकार आप SIP में निवेश करके एक करोड़ रुपये बना सकते हैं।
अगर आप इसके बारे में जानना चाहते हैं तो आप मेरे (Amrita Bhardwaj) इंस्टाग्राम को फॉलो कर सकते हैं।
भारत में एसआईपी (SIP) में निवेश कैसे करें?
सिस्टैमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) शुरू करने के लिए Follow this step -
1.ज़रूरी दस्तावेज़ तैयार करें
2.एसआईपी के लिए पंजीकरण करें
3.निवेश राशि तय करें
4.सही म्यूचुअल फ़ंड चुनें
5.एसआईपी की तारीख चुनें
SIP के कई प्रकार हो सकते हैं -
आज हम इनमें से चयनित कुछ टाइप के बारे में बात करेंगे। निवेशकों द्वारा ज्यादातर इन्हीं टाइप का इस्तेमाल भी होता है
1. रेगुलर एसआईपी- आमतौर पर निवेशक रेगुलर एसआईपी में ही निवेश करता है। जिनमें एक तय अवधि के लिए, तय अमाउंट का चयन कर मौटा फंड तैयार होता है। इसमें आपको एसआईपी pause और निवेश रकम जब चाहे बढ़ाने का भी विकल्प मिलता है।
एसआईपी के इस टाइप से हम सभी रूबरू हैं। वहीं इसका ही आमतौर पर ज्यादा इस्तेमाल करते हैं।
2.2. फ्लेक्सिबल एसआईपी- इसके तहत निवेशक जब चाहे, निवेश रकम बदल सकते हैं। इसमें रकम को लेकर निवेशकों को लचीलता मिलती है। ये एसआईपी उन लोगों के लिए बेहतर है, जिनकी कोई फिक्स इनकम नहीं होती। आप अपनी कमाई के हिसाब से निवेश रकम चुन सकते हैं।
3.स्टेप-अप- स्टेप-अप भी एसआईपी का एक टाइप है। ये टाइप उन लोगों के लिए बेहतर है, जो कम समय में मोटा फंड तैयार करना चाहते हैं। इसके तहत हर साल आपकी निवेश रकम का 10 फीसदी बढ़ जाता है। इस तरह से निवेश रकम बढ़कर, अच्छा खासा रिटर्न प्राप्त किया जा सकता है।
4.5 ELSS- ईएलएसएस भी एसआईपी का ही एक टाइप है। इसके तहत निवेशक सेक्शन 80सी के तहत टैक्स बेनिफिट प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही शेयर बाजार के बेहतरीन रिटर्न का फायदा भी उठा सकते हैं। इसके अलावा पहले यूलिप फंड के तहत भी पहले टैक्स बेनिफिट मिलता था। लेकिन अब सरकार ने इसे बंद कर दिया है
निवेशकों को इंश्योरेंस के साथ शेयर्स से मिलने वाले बेहतरीन रिटर्न का लाभ भी मिलता है
5.ट्रिगर एसआईपी
ट्रिगर एसआईपी एक प्रकार का एसआईपी है जो कुछ खास बाजार स्थितियों या घटनाओं के कारण शुरू होता है। इस प्रकार का एसआईपी उन लोगों के लिए आदर्श है जो बाजार के अवसरों का लाभ उठाना चाहते हैं और कम बाजार कीमतों के दौरान अधिक निवेश करना चाहते हैं। उदाहरण के लिए, आप एक ट्रिगर एसआईपी सेट कर सकते हैं जो बाजार में गिरावट के दौरान स्वचालित रूप से बड़ी राशि का निवेश करता है।
6.सतत एसआईपी
परपेचुअल एसआईपी एक प्रकार का एसआईपी है जिसकी कोई निश्चित समाप्ति तिथि नहीं होती है और यह तब तक जारी रहता है जब तक आप इसे बंद नहीं करना चाहते। इस प्रकार का एसआईपी उन लोगों के लिए आदर्श है जो दीर्घकालिक निवेश रणनीति बनाना चाहते हैं और समय के साथ धन अर्जित करना चाहते हैं। परपेचुअल एसआईपी के साथ, आप हर महीने एक छोटी राशि का निवेश कर सकते हैं, धीरे-धीरे अपने निवेश को बढ़ाकर चक्रवृद्धि की शक्ति का लाभ उठा सकते हैं।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक व वित्तीय सलाहकार (अमृता भरद्वाज) के निजी विचार/सलाह हैं। इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति AYN NEWS उत्तरदायी नहीं है। इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं। इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना, तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार AYN NEWS के नहीं हैं तथा AYN NEWS उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है।
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