-वाह चापलूसों की क्या फौज बनाई है, "अपने मुंह मियां मिट्ठू" बन रहे धर्मेंद्र सिंह राठौड़ ने खुद की तुलना एक दिन के मुख्यमंत्री से करवा दी
-ना सूत ना कपास, जुलाहे से लटठ्म लट्ठा, राजनीति में कोई बड़ी उपलब्धि नहीं, ख्वाव मुख्यमंत्री बनने के
-’’नायक’’ फिल्म के अभिनेता अनिल कपूर ने तो पात्र निभाया था और एक दिन में अनेकों लोगों की सहायता करने का सीन फिल्माया गया था
-लेकिन अजमेर के नेताजी ने तो खुद को सीएम बनवा दिया
-जिस एक महिला की मदद की, उसका भी जमकर दिखावा कर राजनीतिक फायदा उठाया जा रहा है
-पुष्कर में जब पैर नहीं जम पाए, तो अजमेर उत्तर की तरफ रूख किया
-जिस नेता का मानस तय नहीं, कहां से चुनाव लड़ा जाए, वह मुख्यमंत्री बनने के सपने देख रहे हैं
-क्या अजमेर उत्तर में भाजपा के मौजूदा विधायक वासुदेव देवनानी और कांग्रेस के प्रबल दावेदार महेंद्रसिंह रलावता व डॉ. बाहेती के रहते राठौड़ की दाल गल पाएगी
-स्कूल वालों का काम पढ़ाना है, तो वह कब से किसी राजनेता के चाटुकार बनने लगे
प्रेम आनन्दकर, अजमेर।
एक-दो दिन पहले सोशल मीडिया पर एक ब्लॉग लिखा गया, जिसका शीर्षक है, "नायक" मूवी के एक दिन के सीएम बने धर्मेंद्र राठौड़। यह ब्लॉग पढ़ने से ऐसा लगता है कि इसे लिखवाया गया। इस ब्लॉग में राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह राठौड़ की महिमा का गुणगान किया गया। इसमें बताया गया कि फोन पर मिली सूचना, तत्काल पहुंचाई राहत। इस ब्लॉग में यह बताया गया है कि किस तरह राठौड़ ने अपने प्रतिनिधि के माध्यम से उस महिला तक राहत पहुंचाई। अगर यह बात सही है, तो सभी को राठौड़ और उनके नुमाइंदे अनिल शर्मा का धन्यवाद अदा किया जाना चाहिए। अब अगर किसी दुखी-जरूरतमंद महिला या पुरूष को किसी तरह की मदद की जरूरत हो, तो वे राठौड़ (मोबाइल नंबर-7014155401 व 91 9571684444) और अनिल शर्मा (मोबाइल नंबर-9667550209) से संपर्क कर सकते हैं।
अव्वल, तो किसी भी राजनेता को किसी की भी मदद करने के बाद इस तरह राजनीतिक लाभ के लिए भुनाना नहीं चाहिए। कहते हैं कि दानदाता दान करते वक्त दिखावा नहीं करते। लेकिन राठौड़ ने इस दान को भी भुनाने में कोई कमी नहीं छोड़ी और महज एक महिला की मदद कर खुद को एक दिन का सीएम यानी मुख्यमंत्री बनवा दिया। इसी से राठौड़ की महत्वाकांक्षा जाहिर हो जाती है। लोकतंत्र में राजनीति करने, चुनाव लड़ने और सपने देखने का सबको हक है, लेकिन जिस तरह से राठौड़ का गुणगान किया गया है, उससे यह सवाल खड़ा होता है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकी होने का दिखावा करने वाले राठौड़ अब एक दिन के सीएम बनकर कहीं गहलोत को ही तो चुनौती नहीं दे रहे हैं। वैसे तो जब से वे राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष बने हैं, तब से उन्होंने निगम की होटल खादिम टूरिस्ट बंगलो को कांग्रेस का अड्डा बना दिया है। आए दिन इसी होटल में कांग्रेस की मीटिंग करते हैं और कांग्रेसियों का जमावड़ा लगा रहता है। अब सवाल यह भी उठता है कि यदि राठौड़ इतने ज्यादा धनाढ्य हैं और चुनाव लड़ने का माद्दा रखते हैं, तो फिर सरकारी होटल का राजनीतिक लाभ के लिए उपयोग क्यों कर रहे हैं, क्या वे खुद कोई भवन किराए पर लेकर वहां कांग्रेस की मीटिंग नहीं कर सकते। अब उन्होंने प्राइवेट स्कूलों वालों के माध्यम से अजमेर उत्तर में अपना सर्वे कराना शुरू किया है।
जहां तक जानकारी है, इससे पहले कभी भी किसी नेता ने इस तरह का सर्वे नहीं कराया। सबसे बड़ी बात तो यह है कि राठौड़ का खुद का मानस स्पष्ट नहीं हैं कि वे पुष्कर या अजमेर उत्तर में से कहां से चुनाव लड़ना चाहते हैं। यानी जिस व्यक्ति का खुद का मानस स्पष्ट नहीं हो, उससे जनता क्या उम्मीद कर सकती है। पहले पुष्कर में हाथ-पांव मार रहे थे। जब पुष्कर से प्रबल दावेदार पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री नसीम अख्तर इंसाफ ने पहले से जमे अपने पैरों और मजबूती देना शुरू किया, तो राठौड़ ने वहां अपनी दाल नहीं गल पाने की स्थिति में अजमेर उत्तर की तरफ रूख किया। लेकिन उन्हें यह पता नहीं है कि अजमेर उत्तर में पहले ही पूर्व शिक्षा मंत्री व भाजपा के मौजूदा विधायक वासुदेव देवनानी और कांग्रेस के प्रबल दावेदार महेंद्रसिंह रलावता की फिर से मजबूत दावेदारी है। किंतु राजनीतिक के जानकारों की मानें, तो राठौड़ यह मानकर चल रहे हैं कि यदि इस बार भी भाजपा देवनानी को टिकट देती है, तो उन्हें मात देना आसान रहेगा, क्योंकि वे लगातार चार बार से विधायक हैं।
लेकिन राठौड़ का ऐसा मानना मुगालता पालने जैसा है। भले ही देवनानी चार बार विधायक रहे हों, लेकिन इस बार भी भाजपा में उनका कोई विकल्प नहीं है। यही नहीं, देवनानी पर पिछले बीस साल में ऐसा कोई भी आरोप नहीं लगा, जिससे उनके दामन पर दाग लगा हो। कांग्रेस में रलावता किसी भी कीमत पर राठौड़ को पैर नहीं धरने देंगे। उत्तर से ही कांग्रेस के पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती भी टिकट की टकटकी लगाए बैठे हैं। राठौड़ कांग्रेस में रलावता और बाहेती की आंख की किरकिरी बने हुए हैं। अगर राजनीतिक आकलन की बात करें, तो अजमेर उत्तर में मुकाबला भाजपा के देवनानी और कांग्रेस के रलावता या बाहेती के बीच ही होगा। अब बात करते हैं सर्वे की। प्राइवेट स्कूल वालों की फौज इस काम में लगाई गई है। यह बात अभी तक समझ में नहीं आ रही है कि जिन स्कूल वालों का सीधा वास्ता बच्चों की पढ़ाई कराने से है, वह राजनीतिक चाटुकार कब से बनने लग गए हैं। सर्वे में एक सवाल यह भी पूछा जा रहा है कि राठौड़ यदि अजमेर उत्तर से चुनाव लड़ते हैं तो क्या जीतेंगे। अब कोई इन लोगों से पूछे कि जनता कैसे बता सकती है कि राठौड़ चुनाव जीतेंगे। जीत-हार का फैसला तो मतदान होने के बाद होता है। इस बात की क्या गारंटी है कि सर्वे में अपने आप को जीता हुआ मानकर चलने वाले राठौड़ विधानसभा चुनाव में जीत जाएं। और फिर राठौड़ महज डेढ़-दो साल से ही तो अजमेर में सक्रिय हुए हैं।
आखिर उन्होंने अजमेर के लिए ऐसा क्या किया है, जिससे जनता से यह पूछवा रहे हैं कि क्या वे चुनाव जीतेंगे। पेयजल की जिन योजनाओं को अपनी बताकर बखान कर रहे हैं, दरअसल वह योजनाएं पहले से ही मंजूर हो चुकी हैं। इनमें केंद्र सरकार की 186 करोड़ रूपए अमृत जल योजना और 31 करोड़ रूपए मुख्यमंत्री बजट घोषणा के हैं। मतलब राठौड़ जनता को गुमराह कर रहे हैं। राठौड़ से ही सवाल है, क्या आप वर्तमान में विधायक हैं या पहले कभी चुनाव लड़ चुके हैं। सरकार आपके कहने पर क्यों तीन सौ करोड़ रूपए की योजनाएं मंजूर करेगी। अब अगर राठौड़ को चुनाव जीतने संबंधी अगर कोई भविष्यवाणी करानी है, तो उन्हें किसी अच्छे और बड़े ज्योतिषी के पास जाकर पूछना चाहिए। या फिर अनेकों खेमों में बिखरी कांग्रेस में ही सर्वे कराना चाहिए कि क्या सभी नेता और कार्यकर्ता उन्हें चुनाव जिताएंगे। जनता ना तो ज्योतिषी है और ना ही उसे कोई मतलब होता है। जनता तो मौका देखकर चौक्का-छक्का जड़ती है।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक (प्रेम आनंदकर) के निजी विचार हैं। इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति AYN NEWS उत्तरदायी नहीं है। इस आलेख में सभी सूचनाएं लेखक द्वारा उपलब्ध करवाई गई ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं। इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना, तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार AYN NEWS के नहीं हैं तथा AYN NEWS उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है।
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