दिनांक 3 जून 2005 को यूनाइटेड किंगडम में गैर सरकारी संगठन लूंबा फाउंडेशन उबर फाउंडेशन ने पहली बार अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस International Widows Day मनाने की शुरुआत की थी।
लंबा फाउंडेशन के संस्थापक लाड रांजिदर पाल लूंबा के पिता की मृत्यु 23 जून को हुई थी उसी उनकी मां विधवा हुई थी। तभी से 23 जून को अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस मनाने लगे।
2010 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने आधिकारिक तौर पर 23 जून को अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस के रूप में घोषित कर दिया गया। तभी से सभी देशों में 23 जून को अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस मनाया जाता है।
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Written by Pratibha Sharma |
कू प्रथाओं को समाप्त करने के लिए।
महिलाओं की रक्षा के लिए।
महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए।
सती प्रथा को रोकने के लिए बहुत सी ऐसी कू प्रथाओ को समाप्त करने के लिए।
महिलाओं की स्थिति को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस मनाया जाने लगा।
संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के मुताबिक दुनिया में 258 मिलियन विधवाएं हैं।
कॉविड-19 महामारी के बाद इनकी संख्या में वृद्धि हो गई है।
विधवाओं पर हो रहे अत्याचार शोषण को देखते हुए भारत सरकार ने विभिन्न योजनाएं चलाई है।
विधवा दिवस के अवसर पर विधवाओं के लिए कुछ योजनाएं बताते हैं।
विधवाओं के लिए घर-उत्तर प्रदेश के वृंदावन में पति की मृत्यु के बाद बहुत सी ऐसी महिलाएं जो सड़कों पर रहती है इसको देखते हुए सरकार ने उत्तर प्रदेश के वृंदावन में विधवाओं के लिए 1000 महिलाओं की क्षमता वाला घर बनाया। साथ ही वहां उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं पौष्टिक भोजन कानूनी परामर्श सेवाएं मिलेंगी। सभी सरकार द्वारा व्यवस्था की गई थी।
इंदिरा राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना - इस योजना के तहत विधवा महिलाओं को को पेंशन मिलने लगी। अभी वर्तमान में विधवा महिलाओं को 750 रुपए प्रति माह मिलते हैं। 60व 75 साल की विधवा महिलाओं को रु 1000 प्रति वहां मिलते हैं।
राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना-ग्रामीण विकास मंत्रालय की राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना के तहत जिस परिवार में तो व्यक्ति परिवार का पालन पोषण करता कमाने वाला होता है उसी की मृत्यु हो जाती है। अन्य कोई कमाने वाला नहीं होता है। तब सरकार रु 20000 की सहायता प्रदान करती है।
नई आर्थिक सशक्तिकरण योजना-योजनाओं के इस योजना के तहत विधवा महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए गए।
सिलाई सीखना, गृह उद्योग के लिए सहायता प्रदान करना, महिलाओं को शिक्षित करना, विधवा महिलाओं का पुनर्विवाह, विधवा महिलाओं को सरकारी नौकरी देना, आदि विभिन्न योजना एवं कार्यक्रम चलाए गए। इन सभी योजनाओं का का विधवा महिलाएं लाभ है प्राप्त कर सकती हैं।
इन सभी योजना व आंदोलन से वर्तमान में विधवा महिलाओं के जीवन स्तर में बहुत सुधार हुआ है शिक्षित एवं सरकारी नौकरी प्राप्त कर रही हैं। अपना जान कर रही हैं।
इस अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस पर कोई भी विधवा किसी भी प्रकार का अत्याचार नहीं सहेंगे उनका जमकर विरोध करेगी साथी सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं का लाभ उठाएंगी।
Father's Day Image Credit : Social Media
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