राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बुधवार को राजस्थान राज्य के सिविल सेवा परीक्षा में चयनित अधिकारियों के प्रतिनिधिमण्डल ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने उन्हें बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। गहलोत ने कहा कि लंबी एवं कठिन प्रक्रिया से गुजरने के बाद अभ्यर्थी सिविल सेवा परीक्षा में सफल हो पाते हैं। कड़ी मेहनत एवं लगन से ही यह विशेष उपलब्धि प्राप्त होती है।
गहलोत
ने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा में चयन के बाद आवंटित पद एक महत्वपूर्ण पद
है जहां से राष्ट्र और समाज के विकास के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाते
हैं। उन्होंने कहा कि विनम्रता, ईमानदारी एवं समर्पण के साथ कार्य करने
वाले अधिकारियों को सेवा के साथ एवं सेवानिवृत्ति के बाद भी समाज में विशेष
सम्मान मिलता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में
अधिकारियों-कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए पुरानी पेंशन
योजना (ओपीएस) लागू की गई है। केन्द्र सरकार से भी भारतीय सेवाओं में ओपीएस
बहाल करने की निरंतर अपील की जा रही है। उन्होंने कहा कि नई पेंशन योजना
में कर्मचारियों का भविष्य शेयर मार्केट एवं म्यूचुअल फंड के अधीन होने के
कारण अनिश्चितता का भाव रहता है। ओपीएस लागू रहते हुए देश ने उत्कृष्ट
वित्तीय प्रबंधन से सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है।
गहलोत
ने नवचयनित अधिकारियों से राज्य में चल रही योजनाओं पर चर्चा की एवं कहा
कि राज्य सरकार प्रदेश में सभी वर्गों के लिए योजनाएं संचालित कर रही है।
500 रुपए में गैस सिलेंडर, न्यूनतम 1 हजार रुपए सामाजिक सुरक्षा पेंशन, 25
लाख रुपए का केशलैस उपचार, 10 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा सहित विभिन्न
योजनाओं से आमजन को राहत मिली है। उन्होंने कहा कि जानकारी के अभाव में
पात्र नागरिक जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पाते हैं। इसी के
दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा महंगाई राहत कैम्प आयोजित किए जा रहे हैं ताकि
शत-प्रतिशत पात्र लोग योजनाओं से जुड़ सकें। इन कैम्पों में अब तक 1.60
करोड़ परिवार पंजीकृत हो चुके हैं तथा 7 करोड़ से अधिक गारंटी कार्ड दिए जा
चुके हैं।
शिक्षा में अग्रणी राजस्थान
नवचयनित
अधिकारियों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की
नीतियों से राजस्थान शिक्षा में अग्रणी राज्य बनकर उभरा है। महात्मा गांधी
अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों से वंचित वर्गों के विद्यार्थी अंग्रेजी में
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा निःशुल्क पा रहे हैं। उन्हांेने कहा कि राज्य में 30
हजार विद्यार्थियों को निःशुल्क कोचिंग सुविधा के लिए अनुप्रति योजना, 500
बच्चों को विदेश में निःशुल्क अध्ययन के लिए राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर
एकेडमिक एक्सीलेंस योजना जैसी योजनाएं संचालित हैं। प्रतिष्ठित शिक्षण
संस्थानों की स्थापना से विद्यार्थियों को अध्ययन के लिए अन्य राज्यों में
नहीं जाना पड़ रहा है। नए तकनीकी संस्थानों की स्थापना तथा राज्य सरकार के
नवाचारों से आईटी के क्षेत्र में राजस्थान निरंतर आगे बढ़ रहा है।
इस
दौरान नवचयनित अधिकारियों ने भी सरकार की योजनाओं व अपनी शिक्षा के दौरान
के अनुभव साझा किए। प्रतिनिधिमण्डल ने महंगाई राहत कैम्प, ओपीएस, तकनीकी
क्षेत्र में किए गए नवाचारों एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न
जनकल्याणकारी योजनाओं की सराहना की।
इस खबर को AYN Team ने संपादित नहीं किया है, यह खबर राजस्थान सरकार के सुचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रेस रिलीज़ के अनुसार प्रकाशित की गई है।
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