Written and Edited by Masum Ali
तोसिफ अहमद (अध्यक्ष यूथ कांग्रेस अजमेर दक्षिण) के पुत्र 6 वर्षीय मासूम हसनैन अहमद ने अपनी जिंदगी का पहला रोजा सोमवार 23 वे रमज़ान को रखा।
रमजान के मुबारक व पाकीज़ा महीने में बड़े-बुज़ुर्ग तों इबादत व रोज़ा रख ही रहें है। लेकिन रब की मोहब्बत में 6 साल के हसनैन नन्हे मासुम बच्चे ने भी पहला रोजा रखा।
बढ़ती गर्मी में मासूम ने पहला रोजा रखकर यह साबित कर दिया है कि खुदा की इबादत किसी उम्र की मोहताज नहीं होती। इस बच्चे ने रोजे की हालत में अपने रब से अपने मुल्क हिंदुस्तान की अमन,चैन,भाईचारे की दुआएं मांगी।
इसके बाद परिजनों ने उसे फूलो की माला पहनाई, जिससे वो बहुत खुश नजर आया। शाम को मगरीब की अजान के वक्त अपने परिवारजनों के साथ मस्जिद ए तैयबा आज़ाद नगर में सामूहिक रोजा अफ्तार कर मगरिब की नमाज पढ़ी और अपने माँ-बाप व मुल्क की तरक्की के लिए दुआं मांगी।
इबादत के इस माह में दुआएं कबूल होने की मान्यता है और इसी माह में कुरान नाजिल हुआ इसलिए रमजान को पवित्र महीना मानकर इबादत की जाती है। यह महीना अमीर और गरीब के बीच की खाई को कम करता है क्योंकि इस्लाम में खैरात , ज़कात और इमदाद करना फर्ज माना गया है ।
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