Saturday, February 01, 2025

केन्द्रीय बजट 2025-26

 


केन्द्रीय बजट 2025-26 का सारांश


1 लाख रूपए तक प्रति माह की औसत आय पर कोई आय कर नहीं; इससे मध्यमवर्ग परिवारों की आय व खपत में वृद्धि होगी

वेतनभोगी करदाताओं को नई कर व्यवस्था में 12.75 लाख रुपए तक कोई आयकर नहीं देना होगा

 

केन्द्रीय बजट में विकास के चार ईंजनों की पहचान की गई है- कृषिएमएसएमईनिवेश और निर्यात

 

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना से 1.7 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे, इनमें 100 निम्न उत्पादन वाले जिलों को शामिल किया जाएगा

 

अरहर, उड़द व मसूर पर विशेष ध्यान देते हुए दालों में आत्मनिर्भरता मिशन शुरू किया जाएगा

 

संशोधित ब्याज योजना के तहत केसीसी के माध्यम से पांच लाख तक का लोन

 

वित्त वर्ष-25 में राजकोषीय घाटा 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान, इसे वित्त वर्ष- 26 में 4.4 प्रतिशत करने का लक्ष्य

एमएसएमई को गारंटी के साथ दिए जाने वाले ऋण को 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ किया गया

मेक इन इंडिया को निरंतरता देने के लिए लघु, मध्यम व वृहद उद्योग को शामिल कर राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन का शुभारंभ

अगले पांच वर्षों में सरकारी स्कूलों में 50 हजार अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं

500 करोड़ रूपए के कुल परिव्यय के साथ शिक्षा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में उत्कृष्ता केन्द्र

बैंको से ऋण में वृद्धि सहित पीएम स्वनिधि, 30 हजार रूपए की सीमा के साथ यूपीआई लिंक्ड क्रेडिट कार्ड

गिग वर्करों को पहचान पत्र दिया जाएगा, पीएम जन आरोग्य योजना के तहत ई-श्रम पोर्टल और स्वास्थ्य देखभाल में पंजीकरण

विकास केन्द्र के रूप में शहरों को एक लाख करोड़ रूपए का शहरी चुनौती निधि

20 हजार करोड़ रूपए परिव्यय के साथ लघु मॉड्यूलर रिएक्टरों के आरएंडडी के लिए अणु ऊर्जा मिशन

संशोधित उड़ान योजना से 120 नए गंतव्यों तक क्षेत्रीय संपर्क बढ़ेगा

और एक लाख आवासीय ईकाइयों को शीघ्र पूरा करने के लिए 15 हजार करोड़ स्वामिह निधि

निजी क्षेत्र द्वारा संचालित शोध विकास व नवाचार पहलों के लिए 20 हजार करोड़  आवंटित

पांडुलिपियों के सर्वेक्षण व संरक्षण के लिए ज्ञान भारत मिशन

बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 74 से बढ़ाकर 100 प्रतिशत किया गया

विभिन्न कानूनों में 100 से ज्यादा प्रावधानों को गैर-अपराधीकरण रूप देते हुए जन विश्वास विधेयक 2.0 लाया जाएगा

संशोधित आयकर रिटर्न की समयसीमा दो से बढ़ाकर चार साल किया गया

टीसीएस भुगतान में देरी अब अपराध नहीं

किराया पर टीडीएस 2.4 लाख रूपए से बढ़ाकर 6 लाख रूपए किया गया

कैंसर, असाधारण रोगों और अन्य गंभीर जीर्ण रोगों के उपचार के लिए 36 जीवनरक्षक औषधियों को बुनियादी सीमा-शुल्‍क (बीसीडी) से छूट

आईएफपीडी पर बीसीडी को बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया गया, ओपन सेल्स पर बीसीडी में 5 प्रतिशत की कमी

घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए कुछ ओपन सेल्स पर बीसीडी में छूट

बैट्री उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विद्युतीय वाहन और मोबाइल बैट्री उत्पादन के लिए अतिरिक्त पूंजीगत वस्तू में छूट

जहाज निर्माम में प्रयोग होने वाले कच्चा सामग्री और घटकों पर 10 साल के  लिए बीसीडी में छूट

फ्रोजन फिश पेस्ट पर बीसीडी को 30 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया और फिश हाइड्रोलिसेट पर 15 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया

 

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज 01 फरवरी, 2025 को संसद में केन्‍द्रीय बजट 2025-26 पेश किया। उनके बजट भाषण का सारांश यह रहाः

                                    भाग ए

तेलुगु कवि और नाटककार श्री गुराजादा अप्पा राव के प्रसिद्ध कथन कोई देश केवल उसकी मिट्टी से नहीं है, बल्कि देश उसके लोगों से है कथन को उद्धृत करते हुए वित्त मंत्री ने केन्द्रीय बजट 2025-26 में प्रस्तुत किया। इसमें सबका विकास लक्ष्य के साथ समस्त क्षेत्रों का संतुलित विकास का लक्ष्य रखा गया हैं।

 इसी लक्ष्य के अनुरूप वित्त मंत्री ने विकसित भारत के व्यापक सिद्धांतों का उल्लेख किया जो इस तरह से हैं-

क)   गरीबी से मुक्ति;

ख)   शत प्रतिशत अच्छे स्तर की स्कूली शिक्षा;

ग)   बेहतरीन, सस्ती और सर्वसुलभ स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच;

घ)   शत-प्रतिशत कुशल कामगार के साथ सार्थक रोजगार;

ङ)   आर्थिक गतिविधियों में सत्तर प्रतिशत महिलाएं; और

च)   हमारे देश को फूड बास्केट ऑफ द वर्ल्डबनाने वाले किसान

 

केन्द्रीय बजट 2025-26 में विकास को बढ़ावा के लिए सरकारी प्रयासों को जारी रखने, समग्र विकास को सुनिश्चित करने, निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ाने, परिवारिक भावनाओं को बढ़ाने और उभरते मध्यम वर्ग की व्यय क्षमता को बढ़ाने का वादा किया गया। इस बजट में प्रस्तावित विकास, उपाय गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी को ध्यान में रखकर किया गया है।

बजट में भारत की विकास संभावनाओं और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में वृद्धि के लिए कराधान, ऊर्जा क्षेत्र, ग्रामिण विकास, खनन, वित्तीय क्षेत्र और नियामक में परिवर्तनकारी सुधारों का लक्ष्य रखा गया है।

केन्द्रीय बजट में रेखांकित किया गया है कि कृषि, एसएसएमई, निवेश और निर्यात विकसित भारत की यात्रा के ईंजन हैं। इसमें सुधार को ईंधन के रूप में और समावेशिता की भावना को पथप्रर्दशक के रूप में रखा गया है।

पहला ईंजनः कृषि

बजट में राज्यों की भागीदारी के साथ प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजनाकी गई है। इसके अंतर्गत 100 जिलों को शामिल किया गया है जहां उत्पादन में वृद्धि, फसल विविधता अपनाने, फसल कटाई के बाद भंडारण बढ़ाने, सिंचाई की सुविधाओं में सुधार करने, दीर्घ-अवधि और लघु-अवधि, ऋण की उपलब्धता को सुविधाजनक बनाने का लक्ष्य रखा गया।

राज्यों की भागीदारी से एक व्यापक बहु-क्षेत्रीय ग्रामीण सम्पन्नता और अनुकूलन निर्माण कार्यक्रम प्रारम्भ किया जाएगा। इससे कौशल, निवेश, प्रौद्योगिकी के माध्यम से कृषि में कम रोजगार का समाधान होगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई जान आएगी।

इसका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक अवसरों का सृजन करते हुए जिसमें विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं, युवा किसानों, ग्रामीण युवाओं, सीमांत और छोटे किसानों और भूमिहीन परिवारों पर ध्यान देना है।

केन्द्रीय वित्त मंत्री ने घोषणा की कि सरकार तूर, उड़द और मसूर पर विशेष ध्यान के साथ दालों में आत्मनिर्भरता के लिए एक छह वर्षीय अभियान का शुभारंभ करेगी। केन्द्रीय एजेंसियां (नेफेड और एनसीसीएफ) अगले चार वर्षों के दौरान किसानों से मिलने वाली इन तीन दालों को अधिकतम स्तर पर खरीदने के लिए तैयार रहेंगे।

बजट में सब्जियों और फलों के लिए व्यापक कार्यक्रम हेतु उपायों की भी अवधारणा तैयार की गई है। कृषि और इससे सम्बद्ध गतिविधियों को व्यापक स्तर पर प्रोत्साहन देने के लिए इसमें अन्य उपायों के साथ कपास उत्पादकता के लिए एक पांच वर्षीय अभियान और उच्च पैदावार करने वाले बीजों पर राष्ट्रीय मिशन शामिल हैं।

श्रीमती निर्मला सीतारमण ने संशोधित ब्याज योजना के अंतर्गत किसान क्रेडिटों के माध्यम से मिलने वाले ऋण की सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की घोषणा की।

दूसरा इंजनः एमएसएमई

वित्त मंत्री ने विकास के लिए एमएसएमई को दूसरा शक्तिशाली इंजन बताया, क्योंकि यह क्षेत्र हमारे निर्यात का 45 फीसदी है। एमएसएमई को व्यापक स्तर पर उच्चतर कुशलता, तकनीकी उन्नयन और पूंजी के लिए बेहतर पहुंच प्राप्त करने में सहायता देने के लिए सभी एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए निवेश और कुल कारोबार सीमाओं को क्रमशः 2.5 और दोगुना बढ़ाया गया है। इसके अलावा गारंटी कवर के साथ ऋण उपलब्धता को बढ़ाने के लिए भी उपायों की घोषणा की गई है।

वित्त मंत्री ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की पहली बार की उद्यमी पांच लाख महिलाओं के लिए एक नई योजना का शुभारंभ किया। यह अगले 5 वर्षों के दौरान करोड़ रुपए तक के ऋण प्रदान करेगी।

तीसरा इंजनः निवेश

निवेश को वृद्धि का तीसरा इंजन बताते हुए वित्त मंत्री ने लोगों, अर्थव्यवस्था और अभिनव में निवेश को प्राथमिकता दी।

लोगों में निवेश के अंतर्गत, उन्होंने घोषणा की कि अगले पांच वर्षों में सरकारी विद्यालयों में 50,000 अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी।

श्रीमती निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि भारतनेट परियोजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को ब्रॉडबेंड कनेक्टविटी प्रदान की जाएगी।

उन्होंने कहा कि भारतीय भाषा पुस्तक योजना को विद्यालयों और उच्चतर शिक्षा के लिए भारतीय भाषाओं के डिजिटल स्वरूप को प्रदान करने के लिए कार्यान्वित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि मेक फॉर इंडिया, मेक फॉर दी वर्ड विनिर्माण के लिए आवश्यक कौशल से हमारे युवाओं को युक्त करने के लिए वैश्विक विशेषज्ञता और साझेदारी के साथ पांच राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता केन्द्रों की स्थापना की जाएंगी।

500 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ शिक्षा के लिए आर्टिफिशिएल इंटेलीजेंस में एक उत्कृष्टता केन्द्र की स्थापना की जाएगी।

बजट में घोषणा की गई कि सरकार प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य देखभाल, गिग श्रमिकों के पहचान पत्र बनाने के साथ-साथ ई-श्रम पोर्टल पर उनका रजिस्ट्रेशन करेंगी।

अर्थव्यवस्था में निवेश के अंतर्गत श्रीमती सीतारमण ने कहा कि बुनियादी ढांचा-संबंधित मंत्रालय सार्वजनिक-निजी साझेदारी मोड में परियोजनाएं के तीन वर्ष की अवधि के साथ कार्य करेंगे।

उन्होंने कहा कि राज्यों के लिए पूंजीव्यय और सुधारों के लिए प्रोत्साहन देने के लिए 50 वर्ष तक के ब्याज मुक्त ऋणों के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव दिया गया है।

उन्होंने नई परियोजनाओं में 10 लाख करोड़ रुपये की पूंजी का लाभ लेने के लिए दूसरी परिसम्पत्ती मौद्रिकरण योजना 2025-30 की भी घोषणा की।

जनभागीदारी के माध्यम से ग्रामीण पाइप के माध्यम से जलापूर्ति के बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता, संचालन और मरम्मत पर ध्यान देने के साथ वर्ष 2028 तक जल जीवन मिशन का विस्तार किया गया है।

सरकार विकास केन्द्रों के तौर पर शहरों, के रचनात्मक पुर्नविकास और जल एवं स्वच्छता के लिए प्रस्तावों को कार्यान्वित करने हेतु एक लाख करोड़ रुपये के शहरी चुनौती कोष का गठन करेंगी।

अभिनव में निवेश के अंतर्गत निजी क्षेत्र परख अनुसंधान, विकास और अभिनव पहल को कार्यान्वित करने के लिए 20,000 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की गई है।

केन्द्रीय वित्त मंत्री ने शहरी योजना को लाभ देने हेतु बुनियादी भू-स्थैतिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए राष्ट्रीय भू-स्थैतिक अभियान का प्रस्ताव दिया।

बजट में शैक्षणिक संस्थानों, संग्रहालयों, प्रयोगशालाओं और निजी संग्रहकर्ताओं के साथ एक करोड़ से ज्यादा पांडुलिपियों के सर्वेक्षण, दस्तावेजीकरण और संरक्षण के लिए ज्ञान भारतम् अभियान का प्रस्ताव दिया गया। ज्ञान साझेदारी के लिए भारतीय ज्ञान व्यवस्था के एक राष्ट्रीय डिजिटल कोष का भी प्रस्ताव दिया गया।

चौथा इंजनः निर्यात

श्रीमती सीतारमण ने निर्यात को विकास का चौथा इंजन बताते हुए कहा कि क्षेत्रीय और मंत्रालयी लक्ष्यों के साथ एक निर्यात संवर्धन मिशन का शुभारंभ किया जाएगा, जिसे वाणिज्य मंत्रालयएमएसएमई मंत्रालय और वित्त मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से चलाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए एक डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, भारत ट्रेडनेट (बीटीएन) का व्यापार दस्तावेज़ीकरण और वित्तपोषण समाधानों के लिए एक एकीकृत प्लेटफॉर्म का प्रस्ताव दिया गया है।

वित्त मंत्री ने उल्लेख किया कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के साथ अपनी अर्थव्यवस्था को जोड़े रखने के लिए घरेलू विनिर्माण क्षमताओं के विकास के लिए सहायता प्रदान की जाएंगी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि सरकार उद्योग 4.0 से संबंधित अवसरों का लाभ उठाने के लिए घरेलू इलेक्ट्रॉनिक उपकरण उद्योग को सहायता प्रदान करेगी। उभरते हुए दूसरी श्रेणी के शहरों में वैश्विक क्षमता केन्द्रों को प्रोत्साहन देने के लिए एक राष्ट्रीय प्रारूप का भी प्रस्ताव दिया गया है।

सरकार जल्द खराब होने वाले बागवानी उत्पाद सहित एयरकार्गों के लिए बुनियादी ढांचे और वेयरहाउसिंग के उन्नयन हेतु सुविधा प्रदान करेगी। 

ईंधन के रूप में सुधार

इंजन के लिए ईंधन के तौर पर सुधारों को स्पष्ट करते हुए श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि पिछले दस वर्षों से ज्यादा समय में सरकार ने करदाताओं की सुविधा के लिए फेसलैस मूल्यांकन, करदाता चार्टर, त्वरित रिटर्न, लगभग 99 फीसदी रिटर्न स्वयं मूल्यांकन के आधार पर और विवाद से विश्वास योजना जैसे कई सुधारों को कार्यान्वित किया गया है। इन प्रयासों को जारी रखते हुए उन्होंने कर विभाग की विश्वास प्रथम जांच बाद में वचनबद्धता को दोहराया।

वित्तीय क्षेत्र सुधार और विकास

कारोबार में आसानी की दिशा में सरकार की त्वरित वचनबद्धता की पुष्टि करते हुए केन्द्रीय वित्त मंत्री ने अनुपालन में आसानी, सेवाओं के विस्तार, मजबूत नियामक परिवेश को बनाने, अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू निवेश को प्रोत्साहन देने और पुराने कानूनी प्रावधानों के गैर-अपराधीकरण को आगे बढ़ाते हुए भारत में सम्पूर्ण वित्तीय क्षेत्र की व्यापकता में संरचनात्मक बदलाव का प्रस्ताव दिया।

केन्द्रीय वित्त मंत्री ने समूचे भारत में प्रीमियम निवेश करने वाली कम्पनियों के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को 74 फीसदी से 100 फीसदी तक बढ़ाने का प्रस्ताव दिया।

श्रीमती सीतारमण ने सिद्धांतों पर आधारित सरल नियामक प्रारूप और उत्पादकता एवं रोजगार को बढ़ावा देने का भी प्रस्ताव दिया, उन्होंने 21वीं सदी के लिए आधुनिक, लचीले, लोगों के अनुकूल और विश्वास आधारित नियामक प्रारूप को विकसित करने के लिए निम्नलिखित चार विशेष उपायों का प्रस्ताव दियाः

  1. विनियामक सुधार हेतु उच्‍चस्‍तरीय समिति

· सभी गैर-वित्‍तीय क्षेत्र संबंधी विनियमोंप्रमाणनलाइसेंसऔर अनुमतियों की समीक्षा करने के लिए विनियामक सुधार हेतु उच्‍चस्‍तरीय समिति

· खासतौर पर निरीक्षणों और अनुपालनों के मामलों में कारोबार में आसानी को बढ़ावा देने के लिए विश्वास आधारित आर्थिक शासन को मजबूत बनाना और परिवर्तनकारी उपायों को अपनाना

· एक वर्ष के भीतर अपनी सिफारिशें प्रस्‍तुत करना

· राज्‍यों को भी इस प्रयास में शामिल होने के लिए प्रोत्‍साहित करना

 

 ii. राज्यों का निवेश अनुकूल सूचकांक

· प्रतिस्पर्धात्मक सहकारी संघवाद की भावना की बढ़ावा देने के लिए राज्यों के लिए एक निवेश अनुकूल सूचकांक का शुभारंभ 2025 में किया जाएगा

 

iii. वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) के अंतर्गत व्यवस्था

 

  • वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद के अंतर्गतवर्तमान वित्तीय विनियमों और सहायक अनुदेशों के प्रभाव का मूल्‍यांकन करने के लिए एक तंत्र स्‍थापित किया जाएगा।
  • यह तंत्र जबावदेही बढ़ाने और वित्तीय क्षेत्र के विकास के लिए एक फ्रेमवर्क भी तैयार करेगा।

IV. जन विश्‍वास बिल 2.0

  • विभिन्‍न कानूनों में 100 से अधिक प्रावधानों को गैर-आपराधिक बनाना।

राजकोषीय सुदृढ़ीकरण 

राजकोषीय सुदृढ़ीकरण के मार्ग पर बने रहने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए केन्‍द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि राजकोषीय घाटे को प्रत्‍येक वर्ष इस प्रकार से रखने का प्रयास किया जाएगा कि केन्‍द्रीय सरकार का ऋणजीडीपी के प्रतिशत के रूप में गिरते क्रम में बना रहे। इसके साथ ही अगले 6 वर्षों के लिए रोडमैप का विस्‍तृत ब्‍यौरा एफआरबीएम विवरण में दिया गया है। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि वर्ष 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटे का संशोधित अनुमान जीडीपी का 4.8 प्रतिशत है जबकि बजट अनुमान 2025-26 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

संशोधित अनुमान 2024-25

वित्त मंत्री ने बताया कि उधारियों के अलावा कुल प्राप्‍तियों का संशोधित अनुमान 31.47 लाख करोड़ रुपये हैजिसमें से निवल कर प्राप्तियां 25.57 लाख करोड़ रुपये है। उन्‍होंने ज्‍यादा जानकारी देते हुए बताया कि कुल व्‍यय का संशोधित अनुमान 47.16 लाख करोड़ रुपये हैजिसमें से पूंजीगत व्‍यय लगभग 10.18 लाख करोड़ रुपये है।

बजट अनुमान 2025-26

केन्‍द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2025-26 में, उधारियों के अतिरिक्‍त कुल प्राप्तियां और कुल व्‍यय क्रमश: 34.96 लाख करोड़ रुपये तथा 50.65 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। निवल कर प्राप्तियां 28.37 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।

भाग ख

राष्ट्र निर्माण में मध्यमवर्ग की सराहनीय ऊर्जा और क्षमता में हमेशा विश्वास जताते हुए केन्‍द्रीय बजट 2025-26 में नई कर व्यवस्था के तहत कर दर संरचना को संशोधित करने का प्रस्ताव किया गया है। नई कर व्यवस्था के अंतर्गत प्रतिवर्ष 12 लाख रुपये तक की आय अर्थात विशिष्ट दर आय जैसे पूंजीगत लाभ को छोड़कर 1 लाख रुपये प्रतिमाह की औसत आय पर कोई आय कर देय नहीं होगा। वेतनभोगी करदाताओं के लिए यह सीमा 75,000 रुपये की मानक कटौती के कारण प्रतिवर्ष 12.75 लाख रुपये होगी। इन प्रस्तावों के परिणामस्वरूप नए कर संरचना के तहत सरकार को प्रत्यक्ष करों में लगभग 1 लाख करोड़ रुपये के राजस्‍व का परित्याग होगा।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में सरकार ने लोगों की जरूरतों को समझते हुए कई महत्‍वपूर्ण कदम उठाए हैं। प्रत्‍यक्ष कर प्रस्‍तावों में मध्‍यम वर्ग पर ध्‍यान केन्द्रित करते हुए व्‍यक्तिगत आयकर में सुधार, टीडीएस/टीसीएस को तर्कसंगत बनानाअनुपालनों के बोझ को कम करते हुए स्‍वैच्छिक अनुपालनों को प्रोत्‍साहित करनाव्‍यवसाय करने की सुगमता और निवेश और रोज़गार बढ़ाने के लिए कुछ प्रोत्‍साहन शामिल हैं।

नई कर व्यवस्था में निम्नानुसार कर दर संरचना को संशोधित करने का प्रस्ताव किया गया है:

कुल वार्षिक आय

कर की दरें

0-4 लाख रुपए

शून्य

4-8 लाख रुपए

5 प्रतिशत

8-12 लाख रुपए

10 प्रतिशत

12-16 लाख रुपए

15 प्रतिशत

16-20 लाख रुपए

20 प्रतिशत

20-24 लाख रुपए

25 प्रतिशत

24 लाख रुपए से अधिक

30 प्रतिशत

टीडीएस/टीसीएस की दरों को युक्तिसंगत बनाने का प्रस्ताव करते हुए वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्‍याज पर कर कटौती की सीमा 50,000 रुपए से दोगुनी बढ़ाकर 1 लाख रुपए करने का प्रस्‍ताव है। इसी प्रकार, किराए पर टीडीएस के लिए वार्षिक सीमा 2.4 लाख रुपए से बढ़ाकर 6 लाख रुपए प्रस्‍तावित है। अन्‍य कदमों में अब धनप्रेषणों पर टीसीएस की सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है और उच्‍च टीडीएस कटौती के प्रावधान केवल गैर–पैन मामलों पर ही लागू होंगे। विवरणी दाखिल करने की नियत तारीख तक टीडीएस के भुगतान में विलंब को गैर-आपराधिक कर दिया गया था अब टीसीएस प्रावधानों के लिए भी इसी छूट का प्रावधान करने का प्रस्‍ताव किया गया है।

स्‍वैच्छिक अनुपालन को अद्यतन करने की सुविधा को लेकर लगभग 90 लाख करदाताओं ने अतिरिक्‍त कर का भुगतान करते हुए स्‍वैच्छिक रूप से अपनी आय संबंधी ब्‍यौरों को अद्यतन किया। इस विश्‍वास को आगे बढ़ाते हुए, अब किसी भी कर-निर्धारण वर्ष के लिए अद्यतन विवरणी दाखिल करने की समय-सीमा को मौजूदा दो वर्ष से बढ़ाकर चार वर्ष करने का प्रस्‍ताव किया गया है। छोटे धर्मार्थ न्‍यासों/संस्‍थाओं की पंजीकरण अवधि को बढ़ाकर 5 वर्ष से 10 वर्ष करके ऐसी संस्‍थाओं के अनुपालन संबंधी बोझ को कम करने का प्रस्‍ताव है। करदाताओं को स्वामित्व वाली सम्‍पत्तियों के लिए बिना किसी शर्त के ऐसी दो सम्‍पत्तियों के वार्षिक मूल्‍य के   लाभ की अनुमति प्रदान करने का प्रस्‍ताव किया गया है। पिछले बजट में प्रस्‍तुत की गई विवाद से विश्‍वास योजना को शानदार प्रतिक्रिया मिली है और इसके द्वारा लगभग 33,000 करदाताओं ने इस योजना का लाभ उठाते हुए अपने विवादों का निपटारा किया है। वरिष्‍ठ और अति वरिष्‍ठ नागरिकों को लाभ देते हुए 29 अगस्‍त, 2024 को या उसके पश्‍चात् राष्‍ट्रीय बचत योजना (एनएसएस) से किए गए आहरण पर छूट प्रदान करने का प्रस्‍ताव है। एनपीएस वात्‍सलय खातों के लिए भी ऐसी ही व्‍यवस्‍था का प्रस्‍ताव है।

व्यवसाय करने की सुगमता के तहत, अंतरण मूल्‍य की प्रक्रिया को कारगर बनाने हेतु तीन वर्षों की ब्‍लॉक अवधि के लिए अंतरराष्‍ट्रीय लेन-देन के मामलों में आर्म्स लेन्थ मूल्‍य निर्धारण करने के लिए एक योजना शुरू करने का प्रस्‍ताव है। यह योजना सर्वोत्तम वैश्विक पद्धतियों के अनुरूप होगी। अंतरराष्‍ट्रीय कराधान में विवादों को कम करने और निश्चितता को बनाए रखने की दृष्टि से सेफ हार्बर नियमों के दायरे का विस्‍तार किया जा रहा है।

रोजगार और निवेश को बढ़ावा देने हेतु उन अनिवासियों के लिए प्रकल्पित कराधान व्‍यवस्‍था का प्रस्‍ताव किया गया हैजो ऐसी निवासी कम्‍पनी को सेवाएं प्रदान करते हैंजो इलेक्‍ट्रॉनिक विनिर्माण सुविधा स्‍थापित या संचालित कर रही है। देश में अन्तर्देशीय जल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए मौजूदा टन भार कर स्कीम के लाभों के अंतर्गत पंजीकृत अन्तर्देशीय जलयानों के लिए विस्तारित करने का प्रस्ताव किया गया है। भारतीय स्टार्ट-अप इको-सिस्टम में 5 वर्षों तक निगमन की अवधि का विस्तार करने का प्रस्ताव किया गया है। अवसंरचना क्षेत्र में निवेश को प्रोत्‍साहित करने के लिए बजट में सॉवरेन धन निधियों और पेंशन निधियों द्वारा अवसंरचना क्षेत्र में वित्तपोषण को बढ़ावा देने के लिए निवेश करने की तारीख को 5 वर्ष बढ़ाकर 31, मार्च, 2030 तक करने का प्रस्ताव किया गया है।

औद्योगिक वस्तुओं के लिए सीमा-शुल्क टैरिफ संरचना को युक्तिसंगत बनाने के लिए बजट में : (iसात टैरिफ दरों को हटाने, (ii) प्रभावी शुल्क दायित्‍व बनाए रखने के लिए कुछ मदों प्रभावी शुल्क दायित्‍व बनाए रखने के लिए कुछ मदों को छोड़करऔर (iii) एक से अधिक उपकर अथवा अधिभार नहीं लगाने का प्रस्ताव है।

आयातित दवाईयों पर छूट देते हुए कैंसर, दुर्लभ बीमारियों और संचारी बीमारियों और 36 जीवन रक्षक दवाओं को बेसिक कस्‍टम ड्यूटी (बीसीडी) से पूरी तरह छूट दे दी गई है। पेटेंट असिस्‍टेंट प्रोग्राम के अंतर्गत 13 नई दवाओं सहित 37 दवाईयों को भी बेसिक कस्‍टम ड्यूटी से मुक्‍त कर दिया गया हैअगर ये दवाएं मरीज को मुफ्त दी जाती है।

घरेलू विनिर्माण और मूल्‍य संवर्धन, 25 विशेष खनिजों जिनकी घरेलू उपलब्‍धता नहीं है उन्‍हें भी सहायता देने के लिए जुलाई, 2025 से बीसीडी से मुक्‍त कर दिया गया है। 2025-26 के बजट में कोबाल्‍ट पाउडर और उसके कबाड़लीथियम आयरन बैट्री के कबाड़लैटजिंक और 12 अन्‍य मुख्‍य खनिजों को भी छूट दी गई है। घरेलू कपड़ा उत्‍पादन को बढ़ावा देने के लिए कपड़ा मशीनरी में दो अन्‍य शटल लैस लूम्‍स को भी छूट दी गई है। बजट में आगे कहा गया है कि बुने हुए कपड़े जो 10 प्रतिशत से 20 प्रतिशतजिन्‍हें 20 प्रतिशत कर दिया गया है या 115 किलोग्राम से जो ज्‍यादा हैजो 09 टैरिफ लाइन्‍स को कवर करती हैउनके बीसीडी में भी संशोधन किया गया है।

प्रतिलोम शुल्क संरचना को ठीक करने और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए इंटरेक्टिव फ्लेट पैनल डिस्‍पले (आईएफपीडी) को 20 प्रतिशत बढ़ाया गया है और ओपन सैल्‍स को 5 प्रतिशत कम किया गया है। ओपन सैल्‍स के उत्‍पादन को बढ़ावा देने के लिए ओपन स्‍टेंडस को बीसीडी के हिस्‍से के रूप में छूट दी गई है।

देश में ली‍थियम आयन बैट्री के निर्माण को बढावा देने के लिए, ईवी बैट्री निर्माण के लिए 35 अतिरिक्‍त पूंजीगत वस्‍तुओं और मोबाइल फोन की बैट्री के निर्माण के लिए 28 अतिरिक्‍त पूंजीगत वस्‍तुओं को भी पूंजीगत वस्‍तुओं को दी जाने वाली छूट की सूची में जोड़ा गया है।

केन्‍द्रीय बजट 2025-26 में कच्‍चे मालकलपुर्जोंजहाज के निर्माण में आने वाले सामान और दोबारा  उपयोग में आने वाले सामान पर अगले 10 वर्षों के लिए बीसीडी की छूट भी जारी रहेगी।

केन्द्रीय बजट 2025-26 की मुख्य बातें

प्रविष्टि तिथि: 01 FEB 2025 1:31PM by PIB Delhi

भाग- ए

केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केन्द्रीय बजट 2025-26 पेश किया। बजट की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:-

बजट अनुमान 2025-26

  • उधारियों के अलावा कुल प्राप्तियां और कुल व्‍यय क्रमश: 34.96 लाख करोड़ रुपये तथा 50.65 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
  • निवल कर प्राप्तियां `28.37 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। 
  • राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
  • सकल बाजार उधारियां 14.82 लाख करोड़ रहने का अनुमान है।
  • वित्त वर्ष 2025-26 में कैपेक्स व्यय 11.21 लाख करोड़ रुपये (जीडीपी का 3.1 प्रतिशत) रहने का अनुमान है।

विकास के प्रथम इंजन के रूप में कृषि

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना – विकासशील कृषि जिला कार्यक्रम

  • राज्यों की भागीदारी से प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ का शुभारंभ करेगी। इस कार्यक्रम में मौजूदा योजनाओं और विशिष्ट उपायों के अभिसरणके माध्यम से कम उत्पादकता, कम उपज और औसत से कम ऋण मानदण्डों वाले 100 जिलों को शामिल किया जाएगा। इस कार्यक्रम से 1.7 करोड़ किसानों को मदद मिलने की संभावना है।

ग्रामीण समृद्धि और लचीला निर्माण

  • राज्यों की भागीदारी से ग्रामीण समृद्धि और लचीला निर्माण नामक एक व्यापक बहु-क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रारम्भ किया जाएगा ताकि कौशलनिवेशप्रौद्योगिकी के माध्यम से कृषि में कम रोजगार का समाधान होगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई जान आएगी।
  • पहले चरण में 100 विकासशील कृषि जिलों को शामिल किया जाएगा।

दलहन में आत्मनिर्भरता

  • सरकार तूरउड़द और मसूर पर विशेष ध्यान देने के साथ 6-वर्षीय दलहनों में आत्मनिर्भरता मिशन प्रारम्भ करेगी।
  • केंद्रीय एजेंसियां नेफेड और एनसीसीएफ अगले 4 वर्षों के दौरान किसानों से ये दालें खरीदेगी।

सब्जियों और फलों के लिए व्यापक कार्यक्रम

  • उत्पादन, प्रभावी आपूर्तियोंप्रसंस्करण और किसानों के लिए लाभकारी मूल्य को बढ़ावा देने के लिए राज्यों की भागीदारी से एक व्यापक कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाएगा।

बिहार में मखाना बोर्ड

  • मखानों का उत्पादनप्रसंस्करणमूल्य संवर्धन और विपणन में सुधार लाने के लिए बिहार में मखाना बोर्ड स्थापित किया जाएगा।

राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन

  • राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन शुरू किया जाएगा किया जाएगा जिसका उद्देश्य अनुसंधान इकोसिस्टम को मजबूत करनालक्षित विकास और उच्च पैदावार वाले बीजों का प्रसार करना और बीजों की 100 से अधिक किस्मों को वाणिज्यिक स्तर पर उपलब्ध कराना होगा।

मत्स्य उद्योग

  • सरकार अंडमान और निकोबार तथा लक्षद्वीप जैसे द्वीपों पर विशेष ध्यान देने के साथ भारतीय विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र और गहरे समुद्रों से निरंतर मछली पकड़ने को बढ़ावा देने के लिए एक फ्रेमवर्क लाएगी।

कपास उत्पादकता मिशन

  • कपास की खेती की उत्पादकता और निरंतरता में पर्याप्त सुधार लाने के लिए 5 वर्षीय मिशन की घोषणा की गई है और कपास की अधिक लंबे रेशे वाली किस्मों को बढ़ावा दिया जाएगा।

किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से अधिक ऋण

  • किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लिए जाने वाले ऋणों के लिए ऋण सीमा `3 लाख से बढ़ाकर `5 लाख कर दी जाएगी।

असम में यूरिया संयंत्र

  • नामरूप असम में 12.7 लाख मीट्रिक टन की वार्षिक उत्पादन क्षमता वाला एक संयंत्र स्थापित किया जाएगा।

विकास के दूसरे इंजन के रूप में एमएसएमई

एमएसएमई के वर्गीकरण मानदण्ड में संशोधन

  • सभी एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए निवेश और कारोबार की सीमा बढ़ाकर क्रमशः 2.5 और 2 गुना कर दी जाएगी।

सूक्ष्म उद्यमों के लिए क्रेडिट कार्ड

  • उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत सूक्ष्म उद्यमों के लिए पहले वर्ष में 5 लाख रुपये तक की सीमा वाले 10 लाख कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे।

स्टार्ट-अप के लिए निधियों का कोष

  • विस्तारित कार्यक्षेत्र और 10,000 करोड़ रुपए के नए अंशदान के साथ निधियों के नए कोष की स्थापना की जाएगी।

पहली बार के उद्यमियों के लिए योजना

  • लाख महिलाओं अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के पहली बार के उद्यमियों के लिए अगले 5 वर्षों के दौरान 2 करोड़ रुपए तक का सावधि ऋण उपलब्‍ध कराने की एक नई योजना की घोषणा।

फुटवियर और लेदर क्षेत्रों के लिए फोकस उत्पाद स्कीम

  • भारत के फुटवियर और लेदर क्षेत्र की उत्पादकतागुणवत्ता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने हेतु 22 लाख व्यक्तियों को रोजगार दिलाने 4 लाख करोड़ का कारोबार करने और 1.1 लाख करोड़ से अधिक का निर्यात सुगम बनाने के लिए फोकस उत्पाद स्कीम की घोषणा।

खिलौना क्षेत्र के लिए उपाय

  • भारत को ‘वैश्विक खिलौना केंद्र’ बनाते हुए उच्च गुणवत्ता वाले अनूठे नवीन और पर्यावरण के अनुकूल खिलौने बनाने की योजना।

खाद्य प्रसंस्करण के लिए सहायता

  • बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमशीलता और प्रबंधन संस्थान स्थापना की जाएगी।

विनिर्माण मिशन - मेक इन इंडिया को आगे बढ़ाना

  • मेक इन इंडिया’ को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से लघुमध्यम और बड़े उद्योगों को शामिल करते हुए राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन की स्थापना की जाएगी।

विकास के तीसरे इंजन के रूप में निवेश

I. लोगों में निवेश

सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0

  • पोषण संबंधी सहायता के लिए लागत मानदण्डों को समुचित रूप से बढ़ाया जाएगा।

अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं

  • अगले 5 वर्षों में सरकारी स्कूलों में 50000 अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी।

सरकारी माध्यमिक स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) के लिए ब्रॉडबैण्ड कनेक्टिविटी

  • भारत नेट परियोजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में सभी सरकारी माध्यमिक स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी।

भारतीय भाषा पुस्तक स्कीम

  • स्कूल और उच्चतर शिक्षा के लिए भारतीय भाषाओं में डिजिटल रूप में पुस्तकें प्रदान करने के लिए भारतीय भाषा पुस्तक योजना की घोषणा।

राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता केंद्र

  • मेक फॉर इंडिया मेक फॉर द वर्ल्ड विनिर्माण के लिए हमारे युवाओं को आवश्यक कौशलों से सुसज्जित करने के लिए वैश्विक विशेषज्ञता और भागीदारी के साथ 5 राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किये जाएंगे।

आईआईटी में क्षमता का विस्तार

  • 6,500 और विद्यार्थियों के लिए शिक्षा सुगम बनाने के लिए वर्ष 2014 के पश्चात शुरू किए गए 5 आईआईटी में अतिरिक्त अवसंरचना का सृजन किया जाएगा।

शिक्षा हेतु एआई में उत्कृष्टता केंद्र

  • 500 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय से शिक्षा हेतु कृत्रिम बुद्धिमत्ता संबंधी एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा।

चिकित्सा शिक्षा का विस्तार

  • मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में अगले 5 वर्षों में 75000 और सीटें बढ़ाने के लक्ष्य की दिशा में अगले वर्ष 10000 अतिरिक्त सीटें बढ़ाई जाएंगी।

सभी जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर केंद्र

  • सरकार अगले 3 वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर केंद्र स्थापित करने की सुविधा प्रदान करेगी। वर्ष 2025-26 में 200 केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

शहरी आजीविका सुदृढ़ीकरण

  • शहरी कामगारों को आमदनी बढ़ाने और स्थायी आजीविका पाने में सहायता करने के लिए उनके सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए एक स्कीम की घोषणा।

पीएम स्वनिधि

  • इस स्कीम को बैंकों से संवर्धित ऋण 30,000 रुपए की सीमा के साथ यूपीआई लिंक्ड क्रेडिट कार्डों और क्षमता विकास सहायता के साथ नवीकृत किया जाएगा।

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कामगारों के कल्याण के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना

  • सरकार गिग कामगारों के लिए पहचान पत्र और ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण की व्यवस्था तथा पीएम जन आरोग्य योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करेगी।

II. अर्थव्यवस्था में निवेश

अवसंरचना में सरकारी निजी भागीदारी

  • सरकारी निजी भागीदारी में 3 वर्षीय पाइपलाइन परियोजनाओं के लिए अवसंरचना संबंधी मंत्रालय बनाए जाएंगे राज्यों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।

अवसंरचना के लिए राज्यों को सहायता

  • सुधारों के लिए पूंजी व्यय और प्रोत्साहन के लिए राज्यों को 50 वर्ष के ब्याजमुक्त ऋण के लिए डेढ लाख करोड़ रूपए के आवंटन का प्रस्ताव।

परिसंपत्ति मौद्रीकरण योजना 2025-30

  • घोषित की गई नई परियोजनाओं में 10 लाख करोड़ रुपए की पूंजी के लिए 2025-30 के लिए दूसरी योजना।

जल जीवन मिशन

  • बढ़े हुए कुल आवंटन के साथ मिशन को 2028 तक बढ़ाया गया।

शहरी चुनौती कोष 

  • एक लाख करोड़ रुपए के शहरी चुनौती कोष की घोषणा जिसे 2025-26 के लिए 10 हजार करोड़ रुपए के आवंटन के प्रस्ताव के साथ वृद्धि केंद्रों के रूप में शहर शहरों का रचनात्मक पुनर्विकास और जल एवं स्वच्छता के लिए प्रस्ताव लागू करने के लिए उपयोग किया जाएगा।

विकसित भारत के लिए परमाणु ऊर्जा मिशन

  • परमाणु ऊर्जा अधिनियम और नागरिक दायित्व परमाणु क्षति अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव।
  • 20 हजार करोड़ रुपए के आवंटन के साथ लघु मॉड्यूलर रियक्टर्स (एसएमआर) के अनुसंधान व विकास के लिए परमाणु ऊर्जा मिशन स्थापित किया जाएगा। 2033 तक 5 स्वदेश विकसित एसएमआर संचालित करने का प्रस्ताव।

पोत निर्माण

  • पोत निर्माण वित्तीय सहायता नीति को नया रूप दिया जाएगा।
  • निर्दिष्ट आकार से अधिक विशालकाय पोतों को अवसंरचनासुसंगत मास्टर लिस्ट (एचएमएल) में शामिल किया जाएगा।

समुद्री विकास कोष

  • 25 हजार करोड़ रुपए के आवंटन के साथ समुद्री विकास कोष की स्थापना का प्रस्ताव। इसमें सरकार का योगदान 49 प्रतिशत होगा। शेष योगदान बंदरगाहों और निजी क्षेत्र को करना होगा।

उड़ान क्षेत्रीय संपर्क स्कीम

  • अगले 10 वर्ष में 120 नए गंतव्यों और 4 करोड़ यात्रियों को लाने-ले-जाने के लिए क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने की संशोधित उड़ान स्कीम की घोषणा।
  • पर्वतीय आकांक्षी और उत्तर-पूर्व क्षेत्र के जिलों में हेलीपैड और छोटे हवाई अड्डों को भी समर्थन दिया जाएगा।

बिहार में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट

  • बिहार में ग्रीन पटना एयरपोर्ट और बिहटा में ब्राउनफील्ड एयरपोर्ट की क्षमता के विस्तार के अलावा बिहार में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की घोषणा।

मिथिलांचल में पश्चिमी कोशी नहर परियोजना

  • बिहार में पश्चिमी कोशी नहर ईआरएम परियोजना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी ।

खनन क्षेत्र सुधार

  • टेलिंग से महत्वपूर्ण खनिजों की रिकवरी के लिए नीति बनाई जाएगी।

स्वामिह फंड टू

  • सरकार बैंकों और निजी निवेशकों के योगदान के साथ 1 लाख और आवासीय इकाईयों को पूरा करने के कार्य में तेजी करने के उद्देश्य से 15 हजार करोड़ रुपए का कोष बनाने की घोषणा।

रोजगार आधारित वृद्धि के लिए पर्यटन

  • चुनौती मोड के जरिये राज्यों की भागीदारी से देश में 50 शीर्ष पर्यटन स्थलों को विकसित किया जाएगा।

III. नवाचार में निवेश

अनुसंधान, विकास और नवाचार

  • पिछले वर्ष जुलाई के बजट में घोषित निजी क्षेत्र संचालित अनुसंधान, विकास और नवाचार पहल को लागू करने के लिए 20 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए जाएंगे।

डीपटैक फंड ऑफ फंड्स

  • अगली पीढ़ी के स्टार्टअप को प्रोत्साहन के लिए डीप टेक फंड ऑफ फंड्स की संभावना तलाशी जाएगी।

प्रधानमंत्री अनुसंधान फैलोशिप

  • बढ़ी हुई वित्तीय सहायता के साथ आईआईटी और आईआईएस में प्रौद्योगिकीय अनुसंधान के लिए 10 हजार फैलोशिप।

फसल जर्मप्लाज्म के लिए जीन बैंक

  • भावी खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए 10 लाख जर्मप्लाज्म लाइंस के साथ दूसरा जीन बैंक स्थापित किया जाएगा।

नेशनल जियो स्पेटियल मिशन

  • बुनियादी जियो स्पेटियल अवसंरचना और डाटा विकसित करने के लिए नेशनल जियो स्पेटियल मिशन की घोषणा।

ज्ञान भारतम मिशन

  • शैक्षिक संस्थानों, संग्रहालयों और निजी संग्रहकर्ताओं के साथ पांडुलिपी विरासत के सर्वेक्षण, प्रलेखन और संरक्षण के लिए ज्ञान भारतम मिशन बनाने का प्रस्ताव। इसके तहत 1 करोड़ से अधिक पांडुलिपियां शामिल की जाएंगी।

विकास के चतुर्थ इंजन के रूप में निर्यात

निर्यात संवर्द्धन मिशन

  • वाणिज्य मंत्रालय एमएसएमई और वित्त मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से संचालित निर्यात संवर्द्धन मिशन स्थापित करने का प्रस्ताव। इसके तहत अलग-अलग क्षेत्रों और मंत्रालयों के लिए लक्ष्य तय किए जाएंगे।

भारत ट्रेडनेट

  • व्यापार प्रलेखन और वित्त पोषण समाधानों के लिए संयुक्त मंच के रूप में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए भारत ट्रेडनेट (बीटीएन) स्थापित किया जाएगा।

जीसीसी के लिए राष्ट्रीय रूपरेखा

  • ऊभरते टियर-2 शहरों में वैश्विक क्षमता केंद्रों को प्रोत्साहन देने के लिए राज्यों के मार्गदर्शक के रूप में राष्ट्रीय रूपरेखा तैयार की जाएगी।

 

फ्यूल के रूप में सुधार वित्तीय क्षेत्र सुधार और विकास

बीमा क्षेत्र में एफडीआई

  • भारत में संपूर्ण प्रीमियम का निवेश करने वाली कंपनियों के लिए बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 74 से बढ़ाकर 100 प्रतिशत की जाएगी।

एनएबीएफआईडी द्वारा क्रेडिट वृद्धि सुविधा

  • एनएबीएफआईडी अवसंरचना के लिए कॉरपोरेट बॉंड के उद्देश्य से आंशिक ऋण वृद्धि सुविधा स्थापित करेगा।

ग्रामीण क्रेडिट स्कोर

  • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एसएचजी सदस्‍यों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की ऋण आवश्‍यकताओं को पूरा करने के लिए ग्रामीण क्रेडिट स्‍कोर” फ्रेमवर्क विकसित करेंगे।

पेंशन क्षेत्र

  • पेंशन उत्‍पादों के विनियमित समन्‍वय और विकास के लिए एक फोरम की स्‍थापना का प्रस्‍ताव।

विनियामक सुधार हेतु उच्‍चस्‍तरीय समिति

  • सभी गैर वित्‍तीय क्षेत्र संबंधी नियमोंप्रमाण लाइसेंस और अनुमति की समीक्षा करने के लिए विनियामक सुधार हेतु उच्‍च स्‍तरीय समिति के गठन का प्रस्‍ताव।

राज्‍यों का निवेश अनुकूल सूचकांक

  • प्रतिस्‍पर्धी समन्‍वित संघवाद की भावना को आगे बढ़ाने के लिए वर्ष 2025 में राज्‍यों का निवेश अनुकूल सूचकांक शुरू किया जाएगा।

जन विश्‍वास विधेयक 2.0

  • जन विश्‍वास विधेयक 2.0 में 100 से अधिक प्रावधानों को गैर आपराधिक बनाने के लिए प्रस्‍ताव। 

खंड बी

प्रत्‍यक्ष कर

  • नई कर व्‍यवस्‍था के अन्‍तर्गत 12 लाख रुपए तक की आय (अर्थात विशिष्‍ट दर जैसे पूंजीगत लाभ को छोड़कर 1 लाख रुपये प्रतिमाह की औसत आय) पर कोई आयकर देय नहीं होगा।
  • वेतनभोगी कर दाताओं के लिए यह यह सीमा 75 हजार रुपये की मानक कटौती के कारण 12.75 लाख रुपये होगी।
  • यह नई संरचना मध्‍यम वर्ग के करों को काफी कम करेगी और घरेलू उपयोगवचत तथा निवेश को बढ़ावा देने के लिए उनके पास अधिक धन राशि उपलब्‍ध होगी।
  • नया आयकर विधेयक भी अध्‍यायों और शब्‍दों दोनों की दृष्टि से सुस्‍पष्‍ट और प्रत्‍यक्ष होगा। यह करदाताओं और कर प्रशासन के लिए समझने में आसान होगाजिससे कर सुनिश्चितता आएगी और मुकदमेबाजी कम होगी।
  • प्रत्‍यक्ष करों में लगभग एक लाख करोड़ रुपये का परित्‍याग होगा।

 

  • संशोधित कर संरचना
  •  नई कर व्‍यवस्‍था में संशोधित कर संरचना निम्‍नानुसार होगी।

0-4 लाख रुपए

शून्य

4-8 लाख रुपए

5 प्रतिशत

8-12 लाख रुपए

10 प्रतिशत

12-16 लाख रुपए

15 प्रतिशत

16-20 लाख रुपए

20 प्रतिशत

20-24 लाख रुपए

25 प्रतिशत

24 लाख रुपए से अधिक

30 प्रतिशत

 

  • टीडीएस/टीसीएस को तर्क संगत बनाना

 

  • टीडीएस की दरों और सीमाओं की संख्‍या कम कर उसे तर्क संगत बनाना
  • वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए ब्‍याज पर कटौती की सीमा 50,000 रुपये से दो गुनी बढ़ाकर 1 लाख रुपये की जा रही है।
  • किराये पर टीडीएस के लिए वार्षिक सीमा 2.40 लाख रुपये से बढ़ाकर छह लाख रुपये की गई।
  • भारतीय रिजर्व बैंक की उदारीकृत धनप्रेषण स्‍कीम (एलआरएस) के अंतर्गत धनप्रेषणों पर टीसीएस की सीमा को 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया गया है।
  • उच्‍च टीडीएस कटौती के प्रावधान केवल गैर-पैन मामलों पर ही लागू होंगे।
  • विवरणी दाखिल करने की नियत तारीख तक टीसीएस के भुगतान में विलंब को गैर-आपराधिक घोषित करने का प्रावधान।

 

  • अनुपालन बोझ को कम करना 

 

  • छोटे धर्मार्थ न्‍यासों/संस्‍थाओं की पंजीकृत अवधि को बढ़ाकर 5 वर्ष से 10 वर्ष कर ऐसी संस्‍थाओं के अनुपालन संबंधी बोझ को कम किया गया।
  • कर दाताओं को अपने स्‍वामित्‍व वाली संपत्तियों के लिए शून्‍य वार्षिक मूल्‍य का दावा बिना किसी शर्त के ऐसी दो संपत्तियों के लाभ की अनुमति का प्रस्‍ताव।

 

  • व्‍यवसाय करने की सुगमता

 

  • तीन वर्षों की ब्‍लॉक अवधि के लिए अंतराष्‍ट्रीय लेन-देन के मामलों में आर्म्‍स लेन्‍थ मूल्‍य निर्धारण करते हेतु एक योजना की शुरुआत।
  • अंतरराष्‍ट्रीय कराधान में विवादों को कम करने तथा निश्चितता को बनाए रखने के लिए सेफ हार्बर नियमों के दायरे का विस्‍तार।
  • 29 अगस्‍त 2024 को या उससे पश्‍चात व्‍यक्तियों द्वारा राष्‍ट्रीय बचत स्‍कीम (एनएसएस) से किए गए आहरण पर छूट।
  • एनपीएस वात्‍सल्‍य खातों के लिए भी ऐसी ही व्‍यवस्‍था का प्रस्‍ताव जो समग्र सीमाओं के अधीन सामान्‍य एनपीएस खातों के लिए उपलब्‍ध है।

 

  • रोजगार एवं निवेश

 

इलेक्‍ट्रॉनिकी विनिर्माण स्‍कीमों के लिए निश्चिचता

  • उन अनिवासियों के लिए प्रकल्‍पित कराधान व्‍यवस्‍था का प्रस्‍ताव जो ऐसी निवासी कंपनी को सेवाएं प्रदान करते हैं जो इलेक्‍ट्रॉनिक विनिर्माण सुविधा स्‍थापित या संचालित कर रही है।

 

विशिष्‍ट इलेक्‍ट्रॉनिक विनिर्माण इकाइयों की आपूर्ति के लिए उपकरण घटकों को स्‍टोर करने वाले अनिवासियों की कर निश्चितता के लिए सुरक्षित बंदरगाह सेवा आरंभ की गई है। 

अन्तर्देशीय जहाजों के लिए टन भार योजना

देश में अन्तर्देशीय जल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए मौजूदा टन भार कर योजना के लाभों को भारतीय पोत अधिनियम, 2021 के अंतर्गत पंजीकृत अन्तर्देशीय जलयानों के लिए विस्तारित करने का प्रस्ताव किया गया है।

स्टार्ट-अप के निगमन का विस्तार

1.4.2030 से पहले निगमित होने वाले भारतीय स्टार्ट-अप इको-सिस्टम को 5 वर्षों तक अवधि का विस्तार कर स्टार्ट-अप लाभ प्रदान किए गए हैं।

वैकल्पिक निवेश निधियां (एआईएफ)

श्रेणी-1 और श्रेणी-2 एआईएफ अवसंरचना और ऐसे ही अन्य क्षेत्रों में निवेश निकायों को प्रतिभूतियों से होने वाले लाभों पर कराधान की निश्चितता प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया है।

सॉवरेन और पेंशन निधियों के लिए निवेश तिथि का विस्‍तार

सॉवरेन वेल्‍थ फंड और पेंशन निधियों द्वारा अवसंरचना क्षेत्र में वित्तपोषण को बढ़ावा देने के लिए निवेश करने की तारीख 5 वर्ष बढ़ाकर 31, मार्च, 2030 तक करने का प्रस्ताव है।

अप्रत्‍यक्ष कर

औद्योगिक वस्‍तुओं के सीमा शुल्‍क ढांचे का युक्तिकरण

केंद्रीय बजट 2025-26 के प्रस्‍तावों में

  1. 7 टैरिफ दरों को हटाने का प्रस्‍ताव किया गया है। यह 2023-24 के बजट में हटाई गई सात टैरिफ दरों के अतिरिक्त है। इसके बाद, शेष बची टैरिफ दरें ‘शून्य’ दर सहित आठ रह जाएंगी।
  2. मोटे तौर पर प्रभावी शुल्क दायित्‍व बनाए रखने के लिए कुछ मदों, जहां ऐसा दायित्‍व मामूली रूप से कम होगा, को छोड़कर उपयुक्‍त कर लगाने का प्रस्‍ताव है।
  3. एक से अधिक उपकर अथवा अधिभार न लगाने का प्रस्ताव है। उपकर के अधीन 82 टैरिफ लाइनों पर समाज कल्याण अधिभार से छूट दी जाएगी।

 

अप्रत्यक्ष करों में 2600 करोड़ रुपये के राजस्‍व का परित्याग होगा

औषधि/दवाओं के आयात पर राहत

  • 36 जीवन रक्षक औषधियों और दवाओं को बुनियादी सीमा शुल्‍क से पूरी तरह छूट 
  • 6 जीवन रक्षक दवाएं 5 प्रतिशत के रियायती सीमा-शुल्‍क दवाओं में शामिल
  • औषध कंपनियों द्वारा चलाए जाने वाले रोगी सहायता कार्यक्रमों के अंतर्गत विशिष्‍ट औ‍षधियां और दवाएं बुनियादी सीमा शुल्‍क से पूरी तरह मुक्‍त। 13 नए रोगी सहायता कार्यक्रमों के साथ ही 37 अन्‍य दवाओं को इसमें शामिल करने का प्रस्‍ताव

 

घरेलू विनिर्माण और मूल्‍य वर्धन को सहायता

  • महत्‍वपूर्ण खनिज

० कोबाल्‍ट पाउडर और लिथियम आयन बैट्री के अवशिष्‍टलेडजिंक और 12 अन्‍य महत्‍वपूर्ण खनिजों पर बुनियादी सीमा शुल्‍क में छूट

  • वस्‍त्र

० घरेलू तकनीकी वस्‍त्र उत्‍पादों को बढ़ावा

० दो अन्‍य प्रकार के शटल-रहित करघों वाली टेक्‍सटाइल मशीनरी सीमा शुल्‍क से मुक्‍त

० बुने हुए वस्‍त्रों पर 10 प्रतिशत या 20 प्रतिशत के बुनियादी सीमा शुल्‍क को संशोधित कर 20 प्रतिशत अथवा 115 रुपये प्रति किलोग्राम में जो भी अधिक हो करने का प्रस्‍ताव

  • इलेक्‍ट्रॉनिक वस्‍तुएं

० इन्‍टेरेक्टिव फ्लैट पैनल डिस्‍प्‍ले पर बुनियादी सीमा शुल्‍क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया गया

० ओपेन सेल्स और अन्‍य घटकों पर बुनियादी सीमा शुल्‍क घटाकर 5 प्रतिशत करने का प्रस्‍ताव

० ओपेन सेल्‍स के अन्‍य घटकों पर बुनियादी सीमा शुल्‍क में छूट

  • लिथियम आयन बैट्री

० इलेक्ट्रिक वाहनों के बैट्री के विनिर्माण के लिए 35 अतिरिक्‍त पूंजीगत वस्‍तुओं और मोबाइल फोन बैट्री विनिर्माण हेतु 28 अतिरिक्‍त पूंजीगत वस्‍तुओं पर छूट

  • पोत परिवहन क्षेत्र

० पोत निर्माण में कच्‍चे मालघटकोंउपभोज्‍यों अथवा पुर्जों पर अगले दस वर्षों तक बुनियादी सीमा शुल्‍क में छूट

० पुराने पोतों के लिए भी ऐसी ही छूट

  • दूरसंचार

० कैरियर ग्रेड इथरनेट स्‍वीच पर बुनियादी सीमा शुल्‍क 20 प्रतिशत से 10 प्रतिशत पर लाया गया

निर्यात संवर्धन

  • हस्‍तशिल्‍प वस्‍तुएं

० हस्‍तशिल्‍प की निर्यात अवधि 6 महीने से बढ़ाकर एक वर्ष की गईआवश्‍यकता पड़ने पर आगे तीन महीनों के लिए और बढ़ाई जा सकती है

० शुल्‍क मुक्‍त वस्‍तुओं की सूची में नौ और वस्‍तुएं शामिल की गईं

  • चमड़े की वस्‍तुएं

० वेट ब्‍लू लेदर पर बुनियादी सीमा शुल्‍क में पूर्ण छूट

० क्रश लेदर को 20 प्रतिशत निर्यात शुल्‍क से छूट

  • समुद्री उत्‍पाद

० फ्रोजन फिश पेस्‍ट (सुरीमी) और ऐसे ही उत्‍पादों के निर्यात पर बुनियादी सीमा शुल्‍क 30 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया

० मछली और झींगा के आहार बनाने के लिए फिश हाइड्रोलीसेट पर बुनियादी सीमा शुल्‍क 15 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया

  • रेल वस्‍तुओं के लिए घरेलू एमआरओ
  • रेल वस्‍तुओं के लिए घरेलू एमआरओ में वायुयानों और जलपोतों के मरम्‍मत के लिए आयातित एमआरओ के समान ही छूट का लाभ प्रदान किया जाएगा
  • ऐसी वस्‍तुओं के निर्यात की समय-सीमा छह महीने से बढ़ाकर एक वर्ष की गई जिसे आगे एक वर्ष और बढ़ाई जा सकती है

व्‍यापार सुविधा

  • प्रोविजनल कर निर्धारण की समय-सीमा
  • व्‍यवसाय प्रोविजनल कर निर्धारण को अंतिम रूप देने के लिए दो वर्ष की समय-सीमा तय करने का प्रस्‍ताव जिसे एक वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है
  • स्‍वैच्छिक अनुपालन

० आयातक या निर्यातक की सुविधा के लिए माल की मंजूरी के बाद स्‍वेच्‍छा से महत्‍वपूर्ण तथ्‍यों की घोषणा कर सकते हैं और जुर्माने के बिना ब्‍याज सहित शुल्‍क का भुगतान कर सकते हैं

  • अंतिम उपयोग की समय-सीमा बढ़ाई गई

० आयातित वस्‍तुओं के अंतिम उपयोग की समय-सीमा 6 महीने से बढ़ाकर एक वर्ष की गई

० ऐसे आयातकों को मासिक विवरण की बजाय केवल तिमाही विवरण दाखिल करना होगा



इस खबर को AYN Team ने संपादित नहीं किया है, यह खबर पत्र सुचना कार्यालय भारत सरकार के प्रेस रिलीज़ के अनुसार प्रकाशित की गई है।


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