Tuesday, January 14, 2025

अजमेर : चाईनीज मांझा का उपयोग करने पर होगी कार्यवाही, घायल पक्षियों का होगा उपचार सुनिश्चित

(अजमेर) मकर सक्रांति के अवसर पर पतंग उड़ाने के लिए चायनीज मांझे का उपयोग प्रतिबंधित है। इसका उपयोग करने पर कठोर कार्यवाही की जाएगी। पतंगबाजी से घायल पक्षियों का उपचार पशुपालन विभाग द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा।



पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. सुनील घीया ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों की अनुपालना में नाईलोन या किसी अन्य सिंथेटिक सामग्री से बने और सिंथेटिक पदार्थ से लेपित, चायनीज और गैर बायोडिग्रेडेबल मांझे या धागे का उपयोग प्रतिबन्धित है। 

इस प्रकार के मांझे का निर्माण एवं विक्रय व उपयोग नहीं करें । उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध पशु क्रूरता का का निवारण अधिनियम 1960 के तहत कठोर कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। पतंग उडाने को सीमित रखें। सूर्योदय के बाद सुबह 6  से 8 बजे तक व सायंकाल 5 से 7 बजे तक का समय पक्षियों के उडान तथा विचरण का होता है।  इस समय पतंग नहीं उडाएं। पक्षी आवासी व घने पेड़ आदि के आसपास पतंगबाजी नहीं करें। इससे पेडो में पतंग का धागा नहीं उलझे। 

पतंग उड़ाने वाले छोटे बच्चों को भी इस बारे में  शिक्षित करें। मकर सक्रांति पर्व के अवसर पर घायल पक्षियों को अपने निकटस्थ पशु चिकिक्त्सा केन्द्र अथवा बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय में उपचार के लिए लाया जा सकता है। इसका हैल्पलाईन नम्बर 0145-2429447 है।

चाइनीज मांझा का रहेगा निषेध

(अजमेर) व्यापक जन हित को ध्यान में रखते हुए जिले में धातु निर्मित चाइनीज मांझे के उपयोग, निर्माण एवं विपणन को निषेध किया गया है।

जिला मजिस्ट्रेट लोक बन्धु ने बताया कि जिले में मकर संक्रान्ति पर्व पर पतंगबाजी के लिए धातुओं के मिश्रण से निर्मित मांझा सामान्य प्रचलित भाषा में चाईनीज मांझा प्लास्टिक व अन्य सिन्थेटिक पदार्थ या जहरीले पदार्थ जैसे लोहा, ग्लास इत्यादि से बना मांझा प्रयुक्त जा सकता हैं। यह मांझा विभिन्न घातुओं के मिश्रण होने से निर्मित होने से धारदार तथा विद्युत का सुचालक होता है। 

इसके उपयोग के दौरान दोपहिया वाहन चालकों तथा पक्षियों को अत्याधिक जान माल का नुकसान होना संभाव्य है। साथ ही विद्युत का सुचालक होने के कारण विद्युत तारों के सम्पर्क में आने पर विद्युत प्रवाह होने से पतंग उड़ाने वाले को भी नुकसान पहुंचना तथा विद्युत सप्लाई में बाधा उत्पन्न होना संभाव्य है। इस समस्या और खतरे के निवारण के लिए इस धातु निर्मित मांझा के उपयोग, निर्माण एवं विपणन को निषेध किया गया है।

उन्होंने बताया कि लोक स्वास्थ्य व विद्युत संचालन बाधा रहित बनाए रखने एवं पक्षियों के लिये बड़े पैमाने पर खतरा बन चुके धातु निर्मित मांझा सामान्य प्रचलित भाषा में चाईनीज मांझा, प्लास्टिक व अन्य सिन्थेटिक पदार्थ या जहरीले पदार्थ जैसे लोहा, ग्लास इत्यादि से बना मांझा की थोक व खुदरा बिक्री, भण्डारण, परिवहन तथा उपयोग राजस्व जिला अजमेर की क्षेत्राधिकारिता में निषेध एवं प्रतिबंधित करने के आदेश जारी किए गए है। इस प्रकार के मांझाओं का भण्डारण, विक्रय, परिवहन तथा उपयोग करने वाले के विरुद्ध यथाप्रचलित सम्यक कानून के तहत कार्यवाही की जाएगी। पक्षियों को नुकसान से बचाने के लिए प्रातः 6 से 8 बजे तथा सायं 5 से 7 बजे तक पतंग उड़ाने एवं पतंगबाजी पर प्रतिबन्ध रहेगा।

इस खबर को AYN Team ने संपादित नहीं किया है, यह खबर राजस्थान सरकार के सुचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रेस रिलीज़ के अनुसार प्रकाशित की गई है।

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