मंडल रेलवे चिकित्सालय अजमेर जो की रेलवे के कर्मचारियों एंड उनके परिवारजनों के लिए छोटी से बड़ी बीमारी के ईलाज के लिए बहुत पुराना अस्पताल ह ओर इसकी अपनी एक अलग पहचान है।
काफी अर्से से रेलवे हॉस्पिटल में आंखों के डिपार्टमेंट मे स्थाई डॉक्टर की जो कमी थी। वो डॉक्टर इंसाफ के आने से पुरी हो गई।
डॉक्टर इंसाफ को रेलवे ने साल 2020 में इंडिया के जाने माने इंस्टीट्यूट (AFMC, PUNE ) से मास्टर्स करने के लिए भेजा था और जैसे ही उन्होंने नेत्र डिपार्टमेंट की कमान संभाली वैसे ही रेलवे को नेत्र डिपार्टमेंट मे परमानेंट डॉक्टर की बहुत अर्से से रही कमी पुरी हो गई। थोड़े टाईम पहले ही इन्होंने मोतियाबिंद की सर्जरी के साथ साथ और भी आंखो के जटिल ऑपरेशन करने शुरू किए ओर कल इन्होंने अपने 100 वे ऑपरेशन का आंकड़ा छु लिया।
डॉक्टर इंसाफ के अनुसार यह उनके 100 का आंकड़ा बहुत स्पेशल है।
डॉक्टर इंसाफ ने बताया की एक सर्जन के लिए उसका पेशेंट ही सब कुछ होता है। उनकी कोशिश रहती है कि मेंवह मरीज का अच्छे से अच्छा ईलाज/ आपरेशन करे।
डॉक्टर इंसाफ ने कहा की वो सीएमएस अरुण कुमार के आभारी है जो हमेशा उनको गाईड व मोटीवेट करते रहते है।
डॉ इंसाफ DMO नेत्र सर्जन, रेलवे चिकित्सालय अजमेर
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