(अजमेर) राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत आज टीबी सरवाईवर व टीबी चैंपियन नेटवर्क बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक का आयोजन जिला क्षय रोग अधिकारी अजमेर डॉ लोकेश गुप्ता व MAMTA NGO (गैर सरकारी संगठन) के जिला प्रभारी भूपेंद्र सिंह की अध्यक्षता में किया गया।
बैठक में अजमेर, ब्यावर व केकड़ी जिले के समस्त टीबी चैंपियन ने हिस्सा लिया।
बैठक में जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ गुप्ता ने अधिक से अधिक टीबी चैंपियन बनाने हेतु प्रेरित किया।
कौन होते है टीबी चैंपियन
MAMTA NGO (गैर सरकारी संगठन) के जिला प्रभारी भूपेंद्र सिंह ने बताया की जो व्यक्ति टीबी रोग से ग्रसित होकर स्वस्थ्य हो जाता है तत्पश्चात यदि वह व्यक्ति चिकित्सा विभाग के टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में अपनी सेवाएं देना चाहता है, तो उस व्यक्ति को टीबी चैंपियन बनाया जाता है। टीबी चैंपियन का मुख्य कार्य टीबी रोगियों को उत्साहित करना होता है की यदि टीबी रोग से ग्रसित रोगी टीबी की दवा नियमित रूप से खाएगा तो वह रोगी शत प्रतिशत ठीक हो जाता है।
टीबी चैंपियन की नियुक्ति जिला क्षय रोग अधिकारी द्वारा की जाती है।
2025 तक टीबी मुक्त होगा भारत
टीबी प्रशिक्षण केंद्र के निदेशक डॉ राजेश टेकचन्दानी ने बताया की संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों के अनुसार सभी देशों ने 2030 तक टीबी रोग के उन्मूलन का लक्ष्य तय किया है, लेकिन भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक ही टीबी रोग के उन्मूलन का लक्ष्य रखा है और इस संकल्प को पूरा करने के लिए प्रत्येक स्तर पर मिशन मोड पर प्रयास किए जा रहे हैं।
गौरतलब है की देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2025 तक देश से टीबी रोग के उन्मूलन का लक्ष्य रखा है, इसी क्रम की सफल क्रियान्विति के लिए उक्त प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
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