अजमेर के सैंट फ्रांसिस नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं को आज "टीबी मुक्त भारत अभियान 2025" की जानकारी प्रदान की गई।
अधिक जानकारी देते हुए कमला नेहरू प्रादेशीय टीबी प्रशिक्षण केंद्र के निदेशक डॉ राजेश टेकचंदानी ने बताया कि आज प्रशिक्षण केंद्र में सैंट फ्रांसिस नर्सिंग कॉलेज की प्रधानाचार्य के आग्रह पर नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं को "टीबी मुक्त भारत अभियान 2025" की सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की गई।
उक्त जानकारी केंद्र के प्रशिक्षण प्रभारी डॉ भरत मेहरडा द्वारा दी गयी। डॉ भरत मेहरडा द्वारा छात्राओं को टीबी नोटिफिकेशन, निक्षय पोषण योजना, DSTB, DRTB, कांटेक्ट ट्रेसिंग, कम्युनिटी सपोर्ट, निक्षय मित्र, टीबी निक्षय पोर्टल, प्रीजम्प्टिव टीबी एग्जामिनेशन, टीबी के मरीज़ की कल्चर/NAAT जांच, टीबी मरीज़ आउटकम, निक्षय संबल योजना, प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान, टीबी मरीज़ की डैथ ऑडिट, टीबी निक्षय औषधि आदि विषयों की जानकारी दी गई।
इसके बाद आई आर एल प्रभारी डॉ तरुण पाटनी द्वारा छात्राओं को CBNAAT लैब का अवलोकन करवाया गया व NAAT जांच की सम्पूर्ण जानकारी दी गई।
कार्यक्रम के अंत में सैंट फ्रांसिस नर्सिंग कॉलेज की सिस्टर दीया वर्गिस व सिस्टर रीना सोलोमन ने केंद्र के निदेशक डॉ टेकचन्दानी को धन्यवाद ज्ञापित किया।
2025 तक टीबी मुक्त होगा भारत
प्राप्त जानकारी के अनुसार संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों के अनुसार सभी देशों ने 2030 तक टीबी रोग के उन्मूलन का लक्ष्य तय किया है, लेकिन भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक ही टीबी रोग के उन्मूलन का लक्ष्य रखा है और इस संकल्प को पूरा करने के लिए प्रत्येक स्तर पर मिशन मोड पर प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान (PMTBMBA)
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान की शुरुआत की थी।
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 9 सितंबर, 2022 को प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान का वर्चुअली शुभारंभ किया था।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि यह सभी नागरिकों का कर्तव्य है कि वे 'प्रधानमंत्री टीबी-मुक्त भारत अभियान' को उच्च प्राथमिकता दें और इस अभियान को एक जन आंदोलन बनाएं। ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारे देश में अन्य सभी संक्रामक रोगों में टीबी से सबसे ज्यादा मौतें होती हैं। उन्होंने कहा कि भारत में दुनिया की आबादी का 20 प्रतिशत से थोड़ा कम है, लेकिन दुनिया के कुल टीबी रोगियों का 25 प्रतिशत से अधिक है। यही चिंता की बात है। उन्होंने यह भी कहा कि टीबी से प्रभावित ज्यादातर लोग समाज के गरीब तबके से आते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि 'न्यू इंडिया' की सोच और कार्यप्रणाली भारत को विश्व का अग्रणी राष्ट्र बनाना है। भारत ने कोविड-19 महामारी से निपटने में दुनिया के सामने एक मिसाल कायम की है। टीबी उन्मूलन के क्षेत्र में भी आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने की 'न्यू इंडिया' की नीति दिखाई दे रही है। संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के अनुसार सभी देशों ने वर्ष 2030 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है। लेकिन भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है और इसे पूरा करने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। संकल्प।
राष्ट्रपति ने कहा कि इस अभियान को जन आंदोलन बनाने के लिए लोगों में टीबी के प्रति जागरूकता पैदा करनी होगी। उन्हें बताना होगा कि इस बीमारी से बचाव संभव है। इसका इलाज प्रभावी और सुलभ है और सरकार इस बीमारी की रोकथाम और उपचार के लिए नि:शुल्क सुविधा प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि कुछ रोगियों या समुदायों में इस बीमारी से जुड़ी एक हीन भावना है और वे इस बीमारी को एक कलंक के रूप में देखते हैं। इस भ्रम को भी मिटाना होगा। सभी को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि टीबी के कीटाणु प्राय: सभी के शरीर में मौजूद होते हैं। जब किसी व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता किसी कारणवश कम हो जाती है तो यह रोग व्यक्ति में प्रकट हो जाता है। उपचार से निश्चित रूप से इस रोग से छुटकारा पाया जा सकता है। ये सारी बातें लोगों तक पहुंचनी चाहिए।
प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान की परिकल्पना सभी सामुदायिक हितधारकों को एक साथ लाने के लिए की गई है ताकि वे टीबी के उपचार पर सहयोग कर सकें और टीबी उन्मूलन की दिशा में देश की प्रगति को गति दे सकें।
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