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Written by Pratibha Sharma |
1 जुलाई को डॉक्टर्स डे विधान चंद्र रॉय के सम्मान में मनाया जाता है। इनका जन्म 1882 को बिहार के पटना में हुआ था।
1976 में इन्हे भारत रत्न पुरस्कार से नवाजा गया था।
उनके तमाम योगदान को सम्मान देने के लिए ही 1 जुलाई को डॉक्टर्स डे मनाया जाता है।
सभी देशों में 1 जुलाई को ही डॉक्टर्स डे मनाया जाता हैं।
प्राचीन काल से ही डॉक्टर्स एक मसीहा के रूप में उभर कर आए है।
राम जी और रावण के बीच युद्ध के दौरान लक्ष्मण जी मुर्छित हो गए थे। तब उस समय वैद जी ने संजीव वटी घोट कर पिलाई थी। उससे लक्ष्मण जी स्वस्थ हो गए थे ।
प्राचीन काल से ही डॉक्टर्स का विशेष महत्व है । बस फर्क इतना ही पहले वैध जी बोला जाता था और अब डॉक्टर।
डॉक्टर्स का एक विशेष महत्व रहा है हमेशा से।
भगवान और मनुष्य सभी के जीवन में डॉक्टर्स का विशेष महत्व रहा है।
वर्तमान समय में भी डॉक्टर्स का विशेष महत्व है।
डॉक्टर्स संवर्ग वह है जिन्होंने खुद और अपने परिवार से पहले देश समाज के लोगों के लिए सोचा। उन्हे ही अपना परिवार माना।
ऐसे ही कोरोना काल में डॉक्टर्स अपने परिवार और अपने बच्चों से दूर रहे हैं। 24 घंटे इन्होंने हॉस्पिटल में मरीजों का रात दिन इलाज किया था।
सभी मरीजों का इलाज कर उन्हें संभाला।
उस समय कोई रिश्तेदार नही, कोई अपना नहीं, सिर्फ डॉक्टर्स ही थे जिन्होंने खुद से पहले सब कुछ भूल कर अपने कर्तव्य के लिए सोचा। अपनी जान की परवाह किए बिना अपने मरीज के लिए सोचा और मरीज़ को स्वस्थ करने की हर मुमकिन कोशिश की ।
इस दौरान बहुत से डॉक्टर्स कोविड की चपेट में आ गए और बहुत से डॉक्टर्स की मृत्यु भी हो गईं। फिर भी वह पिछे नही हटे, डॉक्टर्स ने हर गली मोहल्ले जा जा कर आमजन का इलाज किया ताकी हम सब लोग स्वस्थ रहे।
तह दिल से सभी डॉक्टर्स को सैल्यूट है हमारा।
मेरी सभी आमजन से अपील है की डॉक्टर्स का सम्मान करे। उनके बलिदान का सम्मान करे।
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