राष्ट्रपिता
महात्मा गांधी के शांति एवं सद्भाव का संदेश घर-घर पहुंचाने के लिए प्रदेश
के 50 हजार युवा महात्मा गांधी सेवा प्रेरक बनेंगे। ये प्रेरक लोगों को
जनकल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराने के साथ महात्मा गांधी पुस्तकालय एवं
संविधान केंद्रों का संचालन भी करेंगे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने
महात्मा गांधी सेवा प्रेरकों की चयन प्रक्रिया एवं नियमों के प्रस्ताव का
अनुमोदन किया है। प्रेरकों को प्रतिमाह 4500 रुपए मानदेय मिलेगा। इनकी
ग्राम पंचायत और शहरी वार्ड स्तर पर नियुक्ति होगी।
प्रेरकों की योग्यता और कार्यकाल
आवेदन
के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता कक्षा 12वीं अथवा समकक्ष रखी गई है।
इसमें महात्मा गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर के प्रमाण पत्र धारक, स्काउट
गाइड, एनसीसी प्रमाण पत्र धारक, सुरक्षा सखी मित्र, पूर्व बजट घोषणा में
चयनित महात्मा गांधी सेवा प्रेरक एवं महिला एसएचजी को प्राथमिकता दी जाएगी।
आवेदन के लिए आयु न्यूनतम 21 वर्ष एवं अधिकतम 50 वर्ष होनी चाहिए। इनका
कार्यकाल 1 वर्ष का रहेगा।
चयन के लिए उपखंड स्तर पर समिति
प्रत्येक
जिले में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी चयन प्रक्रिया के नोडल
अधिकारी होंगे। चयन के लिए उपखंड स्तर पर उपखंड अधिकारी की अध्यक्षता में
समिति का गठन किया जाएगा। जिला स्तर पर जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित
समिति प्रेरकों का अन्तिम अनुमोदन कर चयनितों की सूची शांति एवं अंहिसा
निदेशालय को भेजेगी।
चयनित प्रेरकों को गांधी दर्शन प्रशिक्षण
कार्यक्रमों में प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रेरकों की ऑनलाइन उपस्थिति,
मॉनिटरिंग एवं भुगतान की कार्यवाही सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के
सॉफ्टवेयर से की जाएगी।
इस खबर को AYN Team ने संपादित नहीं किया है, यह खबर राजस्थान सरकार के सुचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रेस रिलीज़ के अनुसार प्रकाशित की गई है।
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