शौर्य,
पराक्रम, अनुपम लोक संस्कृति और मनोहारी परम्पराओं के साथ ही कई विलक्षण
थातियों से भरे राजास्थान के जोधपुर का 565 वां स्थापना दिवस शुक्रवार को
विभिन्न मनोहारी एवं आकर्षक कार्यक्रमों के साथ मनाया गया। अपने शहर के
स्थापना दिवस पर शहरवासियों में अलग ही उत्साह नज़र आया। इस अवसर पर जिला
प्रशासन एवं पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में पूरे शहर में विभिन्न
कार्यक्रम आयोजित किये गए।
रन फॉर जोधपुर
जोधपुर
स्थापना दिवस की शुरुआत रन फॉर जोधपुर के साथ हुई। महापौर श्रीमती कुन्ती
देवड़ा परिहार एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों की उपस्थिति में हुए इस
कार्यक्रम में शहर की विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों, बीएसएफ के कैमल
कॉन्टिजेंट आदि ने हिस्सा लिया। इस दौरान विभिन्न लोक कलाकारों ने अपनी
मनमोहक प्रस्तुतियों से स्थापना दिवस दौड़ को सांस्कृतिक रस-रंगों से भर
दिया।
लोक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बिखेरे रंग
जोधपुर
स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में शहर के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर लोक
कलाकारों के समूहों ने लोकवाद्यों की सुमधुर स्वर लहरियों से रंग जमाया।
अपनी प्रस्तुतियों से इन लोक कलाकारों ने मरुधरा की लोक संस्कृति के रंगों
से श्रोताओं को सराबोर कर दिया। इनका लुत्फ उठाने के लिए देशी-विदेशी
पर्यटकों एवं स्थानीय लोगों का पर्यटक स्थलों पर दिन भर तांता लगा रहा।
पर्यटकों को राजकीय संग्रहालयों में दिया निःशुल्क प्रवेश
इसी
श्रृंखला में पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग ने शहर के सरदार राजकीय
संग्रहालय, राजकीय संग्रहालय मंडोर, उम्मेद उद्यान एवं मंडोर उद्यान आने
वाले देशी-विदेशी पर्यटकों के लिये प्रवेश निःशुल्क रखा। स्कूली बच्चों के
लिए उम्मेद उद्यान स्थित सरदार राजकीय संग्रहालय में आपणो जोधाणा विषय पर
निबंध प्रतियोगिता तथा मेंहदी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। विजेताओं को
प्रशस्ति पत्र एवं पारितोषिक दिए गए। 565 वर्ष का जोधपुर आज भी अपनी लोक
कला, संस्कृति और खूबसूरती को बरक़रार रखे हुए है।
इस खबर को AYN Team ने संपादित नहीं किया है, यह खबर राजस्थान सरकार के सुचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रेस रिलीज़ के अनुसार प्रकाशित की गई है।
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