विधानसभा आम चुनाव-2023 के मद्देनजर राजस्थान में निर्वाचन विभाग द्वारा भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली के नवीन निर्देशानुसार EVM की प्राथमिक स्तरीय जांच (FLC) के संदंर्भ में मंगलवार को समस्त जिला निर्वाचन अधिकारियों, अतिरिक्त जिला निर्वाचन अधिकारियों, ई.वी.एम. जिला नोडल अधिकारियों, FLC पर्यवेक्षकों, अतिरिक्त पर्यवेक्षकों तथा ई.वी.एम. मास्टर ट्रेनर्स को विडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए ई.वी.एम. की प्रथम स्तरीय जांच से पूर्व की समस्त तैयारियों के बारे में अवगत करवाया गया।
मुख्य
निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग तथा
भारत ईलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड (BEL) से लगातार संवाद करते हुए यह अपेक्षा
की जा रही है कि राजस्थान में 15 मई से EVM की प्राथमिक स्तरीय जांच(FLC)
का कार्य प्रारम्भ हो जाए। इस कार्य के सफल संपादन हेतु जिलो में टीमों का
गठन किया जा चुका है। लगभग सभी जिलों में उनकी आवश्यकतानुसार ई.वी.एम.
पहुंचाई जा चुकी है, अन्य संबंधित सामग्री भी इस माह के अंत तक पहुंचा दी
जाएगी।
कार्यशाला में मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने
समस्त जिलों को ई.वी.एम. से जुड़ी सम्पूर्ण प्रक्रिया में पारदर्शिता
बरतने, राजनैतिक दलों की सहभागिता सुनिश्चित करने, मीडिया को समयानुसार
सूचित करने करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आम जन के साथ 75 लाख नव
मतदाताओं को ई.वी.एम. से जुड़ी भ्रांतियों एवं मिथकों को दूर करने के लिए
वृहद एवं सूक्ष्म स्तरीय योजना का निर्माण किया जाये। उन्होंने भारत
निर्वाचन आयोग के समस्त निर्देशों की अक्षरशः पालना सुनिश्चित करवाने हेतु
निर्देश भी दिये।
वर्कशॉप से पूर्व राष्ट्रीय
स्तर के मास्टर ट्रेनर्स श्री सुरेन्द्र जैन ने जिला ई.वी.एम. नोडल
अधिकारियों द्वारा किए जाने वाले समस्त कार्यों के लिए एक मानक संचालन
प्रक्रिया (SOP) भी बतायी। कार्यशाला में राज्य के सभी जिलों से
प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
इस खबर को AYN Team ने संपादित नहीं किया है, यह खबर राजस्थान सरकार के सुचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रेस रिलीज़ के अनुसार प्रकाशित की गई है।
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